नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने की स्थिति मौजूद है। वैश्विक मंच पर हालिया घटनाक्रमों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ (US tariff) लगाने का फैसला किया है। इस फैसले के चलते वे अपने ही देश में आलोचनाओं का सामना कर चुके हैं, परंतु इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इस मामले पर चौंकाने वाला रुख अपनाते हुए भारत के विपक्ष में समर्थन दिया है।
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उन्होंने भारत पर लगाए गए टैरिफ को उचित ठहराते हुए रूस का भी उल्लेख किया। मालूम हो कि यूक्रेन और रूस के बीच महीनों से चल रहा संघर्ष जारी है और अभी तक समाप्त नहीं हुआ है। चीन में हाल ही में हुए SCO शिखर सम्मेलन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की संयुक्त बैठक ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में गर्माहट बढ़ा दी है। इस मुलाकात को लेकर अभी भी वैश्विक मीडिया में व्यापक चर्चा चल रही है, और इसे एक नए शुरुआत के संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है।

कहा जा रहा है कि तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन के मौके पर इसकी बुनियाद रखी गई है। एक अमेरिकी पत्रकार ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेन्स्की से पूछा कि क्या डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर आयात-आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की नीति अब उल्टी पड़ गई है, तो उन्होंने स्पष्ट उत्तर में कहा कि रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर टैरिफ लगना एक उचित कदम है। जवाब में जेलेंस्की ने कहा, “रूस से व्यापार करने वाले देशों पर टैरिफ लगाना बिल्कुल सही है।”
बता दें कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत रूस का सबसे बड़ा ऊर्जा भागीदार बन गया है। चीन के बाद भारत ही रूस से सबसे अधिक कच्चा तेल खरीद रहा है। इसी मसले के आधार पर डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त টैरিফ लगाने की बात की, जिससे भारत-यू America संबंध बढ़ते-जटिल होते चले गए। वहीं ट्रंप प्रशासन के कुछ अधिकारी भारत के खिलाफ नकारात्मक बयानबाजी कर रहे हैं; विशेषकर पीटर नवारो के साथ मिलकर। कई दिनों से वे अलग-अलग चैनलों पर भारत के विरुद्ध कठोर टिप्पणियाँ कर रहे हैं।