एंटरटेनमेंट डेस्क। नीरज घायवान की फिल्म ‘होमबाउंड’ (Homebound) का ट्रेलर रिलीज हो गया है, जिसमें ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जान्हवी कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म प्रतिष्ठित कान फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई थी, जहाँ दर्शकों और समीक्षकों ने इसे खड़े होकर तालियाँ दीं। असल में, फिल्म को नौ मिनट तक खड़े होकर तालियाँ मिलीं, जो किसी भी फिल्म के लिए एक दुर्लभ उपलब्धि है।
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कांस में सफलता के बाद इस फिल्म ने टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी अपनी जगह बनाई, जहाँ इसे इतना पसंद किया गया कि इसे पीपल चॉइस अवॉर्ड मिला। अब, आधिकारिक ट्रेलर के रिलीज़ होने के बाद, दर्शकों में फिल्म को लेकर उत्साह चरम पर है। ट्रेलर में ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जाह्नवी कपूर की दमदार एक्टिंग दिखाई गई है, जिसने दर्शकों को पहले ही अपना दीवाना बना दिया है। सोशल मीडिया पर फिल्म की खूब तारीफ हो रही है, कई लोग कह रहे हैं कि कहानी उनके जज्बातों को छूती है।
किरदारों की बात करें तो, विशाल जेठवा चंदन कुमार का किरदार निभाते हैं, जो अपनी मुश्किलों और जटिलताओं के बावजूद, एक आम इंसान जैसा लगता है। ईशान खट्टर मोहम्मद शोएब अली का किरदार निभाते हैं, जिनकी कहानी में संवेदनशीलता और ताकत का अनोखा मिश्रण है। जाह्नवी कपूर सुहा भारती का किरदार निभाती हैं, जो कहानी में एक नया आयाम जोड़ती हैं और दर्शकों से गहराई से जुड़ती हैं। इसके अलावा, हरषिका परमार भी अपने किरदार में शानदार हैं, जो फिल्म को और भी खास बनाती हैं।

फिल्म की कहानी भारत के गरीब तबके के परिवार की है। जिसमें अलग-अलग धर्म के दो दोस्त अपनी किस्मत बदलने चले हैं। लेकिन , यह रास्ता उनके लिए जरा भी आसान नहीं है। कहानी में आपको भारत की असलियत देखने को मिल जाएगी। जिसमें भारतीय शिक्षा प्रणाली से लेकर सरकारी सुविधाओं पर कटाक्ष किया गया है। कहानी दमदार है जो आपको असलित से रूबरू कराएगी। यह फिल्म करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस द्वारा प्रोड्यूस की गई है और 26 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। उम्मीद है कि यह फिल्म भारतीय बॉक्स ऑफिस पर भी इंटरनेशनल सफलता दोहराएगी।
‘होमबाउंड’ ट्रेलर में बचपन के दो दोस्तों मोहम्मद शोएब (ईशान खट्टर) और चंदन कुमार (विशाल जेठवा) की कहानी है। दोनों उत्तर प्रदेश एक ही गांव से हैं और दोनों ही समाज के पिछड़े वर्ग से आते हैं। मोहम्मद और चंदन दोनों का ही सपना पुलिस अधिकारी बनने का है और वो इसके लिए दिन-रात जी-तोड़ मेहनत भी करते हैं। दोनों की बड़ी ख्वाहिशें हैं, और अपनी मौजूदा स्थिति से बाहर निकलना चाहते हैं। लेकिन जब वो काम के असली मैदान में उतरते हैं तो धर्म और जाति के नाम पर होने वाली क्रूरता का सामना करना पड़ता है।