फतेहपुर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में साम्प्रदायिक तनाव का माहौल एक बार फिर देखा जा रहा है। इस बार भी मुस्लिमों की एक इमारत पर हिन्दू संगठनों (Hindu organizations) ने मंदिर होेने का दावा ठोक दिया। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर (Fatehpur) जिले में एक पुरानी इमारत को लेकर धार्मिक विवाद बड़ा होता जा रहा है।
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बता दें एक तरफ हिंदू संगठन (Hindu organizations) हैं, जिनका दावा है कि यह नवाब अब्दुल समद का मकबरा नहीं बल्कि हजारों साल पुराना भगवान शिव और कृष्ण का मंदिर है। दूसरी तरफ, Fatehpur प्रशासन इस मकबरे को ऐतिहासिक स्मारक मानकर उसकी सुरक्षा करने की कोशिश कर रहा है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब स्थानीय बीजेपी अध्यक्ष ने इस मकबरे को मंदिर होने का दावा किया। उनका कहना है कि इस इमारत को मंदिर के रूप में ही बनाया गया था, जिसे बाद में मकबरे में बदल दिया गया।
हिंदू संगठनों (Hindu organizations) का यह भी दावा है कि Fatehpur में मकबरे की दीवारों पर कमल के फूल और त्रिशूल के निशान मिलते हैं, जो इस बात का सबूत हैं कि यह एक शिव मंदिर था। यह ख़बर सामने आने के बाद, हिंदू संगठन के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मकबरे पर पूजा करने पहुंच गए। स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़कर मकबरे के अंदर घुसने की कोशिश की। प्रशासन ने भीड़ को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया था, लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या इतनी ज़्यादा थी कि पुलिस को उन्हें संभालना मुश्किल हो गया।

हालात तब और बिगड़ गए जब हिंदू संगठनों (Hindu organizations) के लोगों ने मकबरे के अंदर बनी मजार में तोड़फोड़ कर दी। पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई। इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। मुस्लिम समुदाय के लोग भी मौके पर जमा हो गए, जिसके बाद पथराव की ख़बरें भी सामने आईं।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ज़िले के उच्च अधिकारी, जिनमें ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक शामिल हैं, तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों समुदायों को शांत करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की। फिलहाल, इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है।