Swami Chaitanyananda Saraswati: स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन शोषण का आरोप, 17 छात्राओं ने बताई चौंकाने वाली बात

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम जिले के वसंत कुंज उत्तर थाना क्षेत्र में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ डॉ. पार्थ सारथी पर गंभीर आरोप लगे हैं। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (Swami Chaitanyananda Saraswati) पर कई छात्राओं ने यौन शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। श्री श्रृंगेरी मठ और उसकी संपत्तियों के प्रशासक पी.ए. मुरली की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। हालांकि केस दर्ज होने बाद से स्वामी चैतन्यानंद फरार हैं।

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Swami Chaitanyananda Saraswati: 17 छात्राओं के साथ की गंदी हरकत-

दरअसल आरोप है कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती ने श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ( EWS) की छात्रवृत्ति पर पढ़ने वाली छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया। पुलिस जांच के दौरान 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए। इनमें से 17 ने बताया कि स्वामी ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया, WhatsApp और SMS के जरिए अश्लील व गंदे संदेश भेजे और शारीरिक संपर्क के लिए मजबूर किया। पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि संस्थान की कुछ महिला शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन पर स्वामी की मांगें मानने का दबाव डाला।

फरार स्वामी की तलाश में जुटी पुलिस:

शिकायत के बाद, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न), 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का इरादा) और 351(2) के तहत मामला दर्ज कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। कई छापों के बावजूद, स्वामी अभी भी फरार है। पुलिस का कहना है कि स्वामी फरार है और गिरफ्तारी से बच रहा है। दिल्ली पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में लगी हुई हैं। जल्द ही उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाएगा।

जांच के दौरान, पुलिस को संस्थान के बेसमेंट से एक नकली राजनयिक नंबर प्लेट वाली वोल्वो कार (39 UN 1) बरामद हुई। इस कार का इस्तेमाल स्वामी चैतन्यानंद (Swami Chaitanyananda Saraswati) करते थे। पुलिस ने इस मामले में एक अलग प्राथमिकी दर्ज कर कार जब्त कर ली है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चैतन्यानंद का आखिरी ठिकाना आगरा में था, लेकिन दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई छापों के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। संस्थान की ओर से जारी बयान में कहा कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पहले स्वामी पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था, अवैध और अनुचित गतिविधियों में लिप्त रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप पीठ ने उनके साथ सभी संबंध तोड़ लिए हैं। इस संबंध में संस्थान (श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च) प्रबंधन ने चार अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिस पर पुलिस ने अदालत के समक्ष छात्राओं के बयान दर्ज कराए और उसके आधार पर मामला दर्ज किया।

पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद के विरुद्ध ईडब्ल्यूएस (economically weaker section) वर्ग के छात्रों द्वारा किया गया एक कथित उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है, जो वे छात्रवृत्ति प्राप्त प्रबंधन डिप्लोमा पाठ्यक्रम कर रहे थे। यह संस्थान वसंत कुंज, नई दिल्ली के एक प्रसिद्ध आश्रम से सम्बद्ध बताया गया है। श्री श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पी.ए. मुरली द्वारा 4 अगस्त 2025 को शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद पुलिस ने लगभग 32 विद्यार्थियों के बयान लिए। इनमें से 17 छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्वामी चैतन्यानंद ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया, अश्लील संदेश भेजे और जबरन शारीरिक संपर्क किया। पीड़ितों ने यह भी कहा कि महिला प्राध्यापकों और प्रशासनिक स्टाफ ने आरोपी की मांगें मानने का दबाव डाला।

छात्राओं ने बताया कि आश्रम में तैनात वार्डन ने उनका परिचय आरोपी से कराकर मिलवाया था। उनके बयान अदालत में भी दर्ज कर लिए गए हैं। मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फरार है। एक विश्लेषण के अनुसार, इस आरोपी के खिलाफ 2006 और 2016 में भी छेड़छाड़ के मामले दर्ज हो चुके हैं। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही एक लक्ज़री वोल्वो कार भी बरामद की गई है, जिस पर आरोपी ने संयुक्त राष्ट्र दूतावास की फर्जी नंबर प्लेट लगाई थी। जांच में पाया गया कि ऐसी कोई वास्तविक नंबरिंग जारी नहीं की गई थी। तलाशी के दौरान अधिकारियों ने कई ठिकानों पर छापे भी मारे हैं। आश्रम ने भी एक बयान जारी कर कहा कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती अवैध गतिविधियों में शामिल थे। इसके अलावा भगवती पीठ ने भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

भारत में विवादित बाबाओं का इतिहास:

दुर्भाग्यवश स्वामी चैतन्यानंद का मामला अकेला नहीं है। पिछले कई सालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें बाबाओं पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं।

गुरमीत राम रहीम:

राम रहीम, जो खुद को भगवान बताता था, अब 10 साल की जेल की सजा काट रहा है। हरियाणा की एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने उसे अपने आश्रम की दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार का दोषी ठहराया था। यह मामला घटनाओं के लगभग एक दशक बाद सामने आया जब पीड़ितों ने शोषण और जबरदस्ती की भयावह बातें बताईं।

आसाराम बापू:

आसाराम बापू जोधपुर जेल में बंद हैं। उन पर 2013 में 16 वर्षीय लड़की के साथ यौन शोषण का आरोप लगा है, इसके अलावा अन्य कई पीड़ितों के भी आरोप सामने आए हैं। इतना ही नहीं, उनके बेटे नारायण साईं पर भी ऐसे आरोप लगे हुए हैं। स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए आसाराम ने कई बार जमानत की याचिकाएं दायर कीं, लेकिन कोर्ट ने बार-बार उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया।

स्वामी नित्यानंद:

2010 में दक्षिण भारत के प्रसिद्ध गुरु नित्यानंद की एक एमएमएस-सीडी चर्चित बनी थी जिसमें एक प्रसिद्ध अभिनेत्री के साथ उनकी तस्वीरें दिखाई गईं थीं। इसे छह-छह दावा किया गया कि छेड़छाड़ किए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 52 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। इसके बाद वे भारत छोड़कर भाग गए और कथित तौर पर ‘कैलाश’ नाम से अपने एक देश के निर्माण की घोषणा भी बताई गई।

स्वामी सदाचारी:

स्वामी सदाचारी को एक वेश्यालय चलाने के आरोपों के कारण गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा। इस घटना के बाद उनके ऊपर व्यक्तित्व से जुड़ी एक नकारात्मक धारणा भी सामने आई।

स्वामी भीमानंद:

महाराज चित्रकूट के नाम से लोकप्रिय स्वामी भीमानंद अपने नागिन-नृत्य के कारण चर्चा में रहे। 1997 में उन पर सेक्स रैकेट चलाने के आरोप लगाए गए थे; आरोप यह लगाया गया कि आध्यात्मिक शिक्षाओं के बहाने लड़कियों को सेक्स-ट्रैफिकिंग के दायरे में झोंकना संभव था।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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