मुंबई। मिश्रित वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार (Stock market) ने बुधवार को सुस्ती के साथ कारोबार की शुरुआत की। सेंसेक्स 112 अंक गिरकर 81,531 पर और निफ्टी 41 अंक की कमजोरी के साथ 24,939 पर खुला। शुरुआती कारोबार में निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया, जिससे बाजार सीमित दायरे में बना रहा। ब्रॉडर मार्केट की बात करें तो निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 क्रमशः 0.05 प्रतिशत और 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान पर नजर आए।
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निफ्टी बैंक में भी 0.42 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो सेक्टर में बिकवाली दबाव को दर्शाता है। हालांकि, बीते तीन सत्रों में निफ्टी ने 364 अंकों की बढ़त दर्ज की थी, जिसका मुख्य कारण सरकार द्वारा घोषित जीएसटी सुधार थे। यह सुधार आगामी दिवाली से पहले लागू होने की संभावना है, जिससे बाजार में लघु अवधि की तेजी बनी हुई थी।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि अमेरिकी प्रशासन की ओर से भारत पर टैरिफ को लेकर स्पष्टता नहीं है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है। अमेरिका की व्यापार नीति पर अनिश्चितता ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता को जन्म दिया है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, निफ्टी अब भी साइडवेज़-टू-बुलिश ट्रेंड में बना हुआ है। मंदार भोजने के अनुसार, इंडेक्स प्रमुख ईएमए स्तरों पर मजबूत समर्थन पा रहा है, जो सकारात्मक संकेत देता है। यदि निफ्टी 25,050 के ऊपर टिकता है, तो यह 25,250 और 25,500 के स्तर तक जा सकता है।

वैश्विक बाजारों की बात करें तो वॉल स्ट्रीट में मिलाजुला रुख रहा, जहां डॉव जोन्स मामूली बढ़त में रहा जबकि नैस्डैक और एसएंडपी 500 में गिरावट दर्ज की गई। एशिया-प्रशांत बाजारों में भी कमजोरी रही, जापान का निक्केई 1.52 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.86 प्रतिशत गिरा। विदेशी निवेशकों ने मंगलवार को 634.26 करोड़ रुपये की बिकवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,261.06 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जिससे बाजार को कुछ हद तक समर्थन मिला। इस समय निवेशकों को सावधानी बरतते हुए घरेलू खपत से जुड़े क्षेत्रों जैसे बैंकिंग, टेलीकॉम, हेल्थकेयर और ऑटो पर नजर रखनी चाहिए।