मुंबई। भारतीय शेयर बाजार (Stock market) ने मंगलवार को कारोबार की शुरुआत मिश्रित संकेतों के साथ की, जहां प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त के साथ खुले। हालांकि व्यापक रूप से देखा जाए तो बाजार में स्थिरता का माहौल देखने को मिल रहा है, लेकिन बैंकिंग और मिडकैप शेयरों में खरीदारी से थोड़ी मजबूती भी दिखी है। शुरुआती सत्र में सेंसेक्स 131 अंक चढ़कर 80,496 के स्तर पर पहुंचा, जबकि निफ्टी में 42 अंकों की बढ़त दर्ज की गई और यह 24,677 पर कारोबार करता दिखा। बैंकिंग शेयरों की अगुवाई में बाजार में सकारात्मकता आई, जिसमें निफ्टी बैंक 180 अंक चढ़कर 54,641 पर पहुंच गया।
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भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। सुबह 9:42 पर सेंसेक्स 265 अंक और 0.33 प्रतिशत की तेजी के साथ 80,692 पर खुला और निफ्टी 88 अंक और 0.38 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,744 पर खुला। लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी देखने को मिल रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 418 अंक और 0.74 प्रतिशत की मजबूती के साथ 56,797.30 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 132 अंक और 0.75 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,692 पर था।
आरबीआई एमपीसी की बैठक आज से शुरू हो गई है। 1 अक्टूबर तक चलने वाली इस बैठक में निवेशक रेपो रेट में कमी की उम्मीद कर रहे हैं, जो कि फिलहाल 5.50 प्रतिशत पर है। विशेषज्ञों ने कहा कि आगामी आरबीआई एमपीसी में रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा जा सकता है और ब्याज दरों में कटौती संभावना काफी कम है। आज शेयर बाजार के सतह पर तेज़ बढ़त के साथ Atlanta Electricals के शेयर में ऊँची उछाल दर्ज हुई है। खबर लिखे जाने तक शेयर 9.18% बढ़कर 824.35 रुपये के स्तर तक पहुँच गया है। वहीं PC Jeweller के शेयर में मामूली उछाल देखने को मिला है। खबर लिखे जाने तक के समय तक शेयर 0.82% चढ़कर 12.25 रुपये पर पहुँच गया है। Oil India के शेयर में उछाल दर्ज किया गया है। खबर लिखते समय तक शेयर में 2.22 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है और शेयर की कीमत 419.35 रुपये तक पहुंच गई है।

बाजार के अन्य क्षेत्रों की बात करें, तो ऑटो, आईटी, फार्मा, पीएसयू बैंक, मेटल, एनर्जी और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे सेक्टर्स में खरीदारी देखी गई। इसके विपरीत, एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया और इन्फ्रास्ट्रक्चर शेयरों में गिरावट देखी गई। यह साफ दर्शाता है कि निवेशक फिलहाल सतर्क रुख अपना रहे हैं और किसी एक दिशा में निर्णायक कदम नहीं उठा रहे हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी हल्की तेजी देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 में 57 अंकों की बढ़त रही, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 24 अंकों की मजबूती दर्ज की गई।
प्रमुख बढ़त वाले शेयरों में पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, जोमैटो (इटरनल), अदाणी पोर्ट्स, टाइटन, बीईएल, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे स्टॉक्स शामिल रहे। वहीं, एलएंडटी, आईटीसी, एक्सिस बैंक, ट्रेंर्ट और एनटीपीसी जैसे शेयरों में गिरावट देखी गई। बाजार की मौजूदा स्थिति पर विशेषज्ञों का नजरिया भी मिला-जुला रहा।
मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने बताया कि बाजार की मौजूदा संरचना कमजोर दिख रही है। विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक संकेतों की कमी के कारण बाजार किसी भी उछाल को स्थायित्व नहीं दे पा रहा। इसका प्रमाण हाल की गतिविधियों में भी मिला, जहां ’’29 सितंबर को एफआईआई ने लगातार छठे दिन 2,830 करोड़ रुपये के शेयर बेचे’’, जबकि घरेलू निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन बाजार में भरोसा दिखाते हुए 3,845 करोड़ रुपये का निवेश किया। बाजार फिलहाल एक दायरे में घूमता नजर आ रहा है, जहां बैंकिंग सेक्टर आशा की किरण बना हुआ है, लेकिन एफआईआई की बिकवाली और वैश्विक संकेतों की कमी निवेशकों के उत्साह को सीमित कर रही है।
अमेरिकी शेयर बाजार दो दिन लगातार हरे निशान पर बंद हुए हैं। टेक्नोलॉजी शेयरों की मजबूती ने बाजार को सहारा दिया और इंडेक्स को सकारात्मक बंदी की ओर बढ़ाया। डाओ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज ने शुरुआती दबाव के बाद रीकवरी दिखाई और दिन के निचले स्तरों से लगभग 170 अंकों की वापसी दर्ज की। शुरुआत भले ही दबाव में रही, पर टेक शेयरों की तेजी ने पूरे कारोबारी सत्र में सपोर्ट बना कर रखा। नैस्डैक कंपोजिट और S&P 500 इंडेक्स भी हरे निशान के साथ बंद हुए। बड़ी टेक कंपनियों के शेयरों में खासकर मजबूती देखने को मिली, जिससे बाजार का Sentiment सुधर गया। इन कंपनियों के बेहतर नतीजों और वैश्विक डिमांड आउटलुक ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया। वहीं, राजनीतिक मोर्चे पर अनिश्चितता बरकरार है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स के बीच हुई बैठक बेनतीजा रहने से निवेशकों के भीतर सतर्कता कायम है। विश्लेषकों का मानना है कि फेडरल रिजर्व की अगली नीति बैठक और दरों को लेकर रुख बाजार की दिशा तय करेगा। साथ ही अमेरिकी आर्थिक आंकड़े भी बाजार की चाल में अहम भूमिका निभाएंगे।
विशेषज्ञों की राय:
विनोद नायर, हेड रिसर्च, Geojit Investments के अनुसार सोमवार का सत्र अस्थिर रहा और लगभग-flat ही रहा। इसका कारण अवकाश के कारण छोटे सप्ताह के घटते कारोबारी दिनों और FII की बिकवाली से जुड़ी सावधानियाँ मानी जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी-भारतीय व्यापार समझौते में स्पष्टता की कमी और IT व फार्मा क्षेत्रों पर दबाव निकट भविष्य के लिए प्रमुख चिंता के स्रोत बने हुए हैं। निवेशकों के लिए इस सप्ताह RBI की मीटिंग के परिणामों का इंतजार बढ़ गया है, जिसमें ब्याज दरों के स्थिर रहने की संभावना बताई जा रही है।
साथ ही, वित्तीय उपायों और H2FY26 के लिए मजबूत मांग के कारण RBI FY26 GDP वृद्धि अनुमान बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है। विक्रम कासट, हेड एडवायजरी, PL Capital के अनुसार वैश्विक परिदृश्य में अमेरिकी बाजार ने अक्टूबर 1 की सरकारी फंडिंग डेडलाइन से जुड़ी चिंताओं को शांत किया है। उन्होंने बताया कि Nifty पिछले सात सत्रों से लगातार गिरावट के दौर में है और अगर इंडेक्स सकारात्मक बंद नहीं होता है तो गिरावट जारी रहने की संभावना बनी रहेगी। संभावित रिट्रेसमेंट के स्तरों के तौर पर 20HMA और 40HEMA (24,807 और 24,923) प्रमुख रेसिस्टेंस स्तर दिख रहे हैं।