Stock market: लाल निशान पर शेयर बाजार, अमेरिकी टैरिफ से फार्मा और हेल्थकेयर शेयरों पर भारी दबाव

Shweta Media
By
Shweta Media
श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
8 Min Read

मुंबई। भारतीय शेयर बाजार (Stock market) ने शुक्रवार को अमेरिकी टैरिफ के असर के चलते लाल निशान में शुरुआत की। सुबह 9:18 बजे सेंसेक्स 197 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,962 पर और निफ्टी 66 अंक या 0.27 प्रतिशत नीचे आकर 24,819 पर कारोबार कर रहा था। बाजार खुलते ही बिकवाली का माहौल बन गया; जिसमें फार्मा, हेल्थ केयर और आईटी सेक्टर प्रमुख रूप से प्रभावित हुए।

इसे भी पढ़ें-Stock market: शेयर बाजार में चौथे दिन गिरावट, आईटी शेयरों पर दबाव

घरेलू शेयर बाजार में न केवल लार्जकैप, बल्कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी दबाव देखने को मिला। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 354 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,201 पर था, वहीं निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 184 अंक या 1.03 प्रतिशत नीचे आकर 17,782 पर पहुंच गया। सन् फार्मा के शेयर लगभग 3.8 प्रतिशत टूटकर 1580 के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। Cipla के शेयर 2 प्रतिशत नीचे आ गए हैं। Natco Pharma 5 प्रतिशत गिरा, जबकि Strides Pharma Science 6 प्रतिशत तक नीचे गया। बॉयोकॉन 4 प्रतिशत फिसला, Glenmark Pharma 3.7% गिरा, Divi’s Lab 3% के आसपास टूट गया, IPCA Labs 2.5% और Zydus Lifesciences 2% गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं। पिछले एक महीने में, निफ्टी फार्मा इंडेक्स में लगभग 2% की गिरावट आई है, जबकि सिप्ला, Divi’s Laboratories और Ajanta Pharma जैसे शेयरों में 5% से 6% तक की गिरावट दर्ज की गई है। Lupin के शेयर आज बाजार खुलने के साथ लगभग 3% गिरकर 1918.60 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं Arvind Ltd (Arvindo Pharma) आज लगभग 1.91% गिरकर 1,076 रुपये के आस-पास कारोबार कर रहा है। ManKind Pharma में भी लगभग 3.30% गिरावट देखी गई।

हालांकि, यह उपाय उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा जो वर्तमान में अमेरिका में अपने दवा निर्माण प्लांट लगा रही हैं या जिनके पास पहले से ही प्लांट मौजूद हैं। अगस्त में, ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका में फार्मा इंपोर्ट पर टैरिफ 250% तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा था कि वह शुरुआत में “छोटे टैरिफ” से शुरुआत करेंगे और धीरे-धीरे इसे 150% और फिर 250% तक बढ़ाएंगे।

ट्रंप के नए टैरिफ पैकेज का असर:

बाजार में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नया टैरिफ पैकेज माना जा रहा है। इस पैकेज में अमेरिका ने आयातित दवाओं पर 100 प्रतिशत, किचन कैबिनेट्स पर 50 प्रतिशत और भारी ट्रकों पर 25 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया है। यह फैसला वैश्विक व्यापार माहौल पर नकारात्मक असर डाल रहा है, खासतौर पर फार्मा सेक्टर पर, जो भारत के लिए निर्यात का प्रमुख क्षेत्र है। निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 2.18 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो सेक्टर में निवेशकों की चिंता को दर्शाता है। इसके साथ ही आईटी और हेल्थकेयर इंडेक्स भी 1 प्रतिशत से अधिक नीचे थे।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर 2025 से branded और patented दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिए जाएंगे, जब तक कंपनियां अमेरिका में उत्पादन इकाइयां स्थापित नहीं करतीं। बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बाग्गा ने कहा कि यह कदम बाजार में नई अनिश्चितता पैदा कर रहा है। उन्होंने बताया कि ब्रांडेड फार्मा पर लगाए गए टैरिफ लगभग 233 अरब डॉलर के अमेरिकी आयात को प्रभावित कर सकते हैं। हालाँकि, भारतीय जेनरिक दवा निर्यातकों पर फिलहाल इसका असर नहीं होगा, जिससे अमेरिका में भारतीय फार्मा एक्सपोर्ट का 12 अरब डॉलर सुरक्षित रहेगा। सुदर्शन जैन, सेक्रेटरी जनरल, इंडियन फार्मास्यूटिकल एलायंस (IPA), ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल पेटेंटेड और ब्रांडेड दवाओं पर लागू होगा और जेनरिक दवाओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

वैश्विक बाजारों का हाल:

वैश्विक बाजारों की बात करें तो टोक्यो, शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक और सोल के बाजार भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजार भी गुरुवार को भारी गिरावट के साथ बंद हुआ था, जिससे वैश्विक निवेशकों की धारणा और कमजोर हुई है। सेंसेक्स पैक में एलएंडटी, टाटा मोटर्स, आईटीसी, मारुति सुजुकी, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट गेनर्स के रूप में उभरे, जबकि सन फार्मा, एशियन पेंट्स, इंफोसिस, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियां सबसे अधिक नुकसान में रहीं।

विश्लेषकों की नजर में शेयर बाजार:

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका द्वारा पेटेंट और ब्रांडेड दवाओं पर लगाए गए टैरिफ से भारत को तत्काल प्रभाव नहीं पड़ सकता क्योंकि भारत मुख्यतः जेनेरिक दवाएं निर्यात करता है। लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि राष्ट्रपति ट्रंप भविष्य में जेनेरिक दवाओं को भी टारगेट करते हैं, तो यह भारतीय फार्मा सेक्टर के लिए बड़ा झटका हो सकता है। इस पूरे घटनाक्रम ने निवेशकों के मन में अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है। व्यापार नीति में अनपेक्षित बदलाव, खासतौर पर वैश्विक ताकतों द्वारा, भारतीय बाजार की स्थिरता को चुनौती दे सकते हैं।

PL Asset Management के डायरेक्टर संदीप नीमा के अनुसार, वैश्विक आर्थिक स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण बनी जा रही है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था stagflation की ओर अग्रसर हो रही है, जिसमें विकास की गति धीमी पड़ रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और महंगाई उच्च बनी हुई है। सितंबर 2025 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरें घटाईं, पर लगातार बढ़ती कीमतों के दबाव के कारण इनमें तत्काल बड़ी राहत मिलना मुश्किल है। नीमा ने यह भी कहा कि अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय निर्यात क्षेत्रों पर दबाव बढ़ रहा है। इंजीनियरिंग, फार्मा, केमिकल्स, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और रत्न-ज्वैलरी जैसे क्षेत्रों के निर्यात पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उम्मीद की जा रही है कि यदि स्थिति अशींत रहे तो FY26 में भारत की आर्थिक वृद्धि (GDP) 20-30 बेसिस पॉइंट तक घट सकती है।

नीमा ने आज बताया कि मौजूदा समय में निवेशक Metals, Banking और Industrials क्षेत्रों की दिशा में अधिक आकर्षित हो रहे हैं, जो भारत की अगली विकास गति को तेजी से बढ़ावा दे सकते हैं। मेटल्स सेक्टर को सरकारी infrastructure खर्च और वैश्विक सप्लाई चेन में कमी से लाभ मिल सकता है। बैंकिंग क्षेत्र में FY26 के दूसरे भाग में क्रेडिट ग्रोथ में वृद्धि की संभावना दिख रही है। Industrials और Capital Goods मजबूत ऑर्डर इनफ्लो और नीति सुधारों से समर्थित दिखाई दे रहे हैं। वहीं Information Technology और उपभोक्ता-उद्योग (Consumption) सेक्टरों पर निगरानी बनी हुई है और निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों पर अमेरिकी टैरिफ के कारण दबाव देखे जा रहे हैं।

Share This Article
Follow:
श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *