Stock market: शेयर बाजार में चौथे दिन गिरावट, आईटी शेयरों पर दबाव

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार (Stock market) ने बुधवार के कारोबारी सत्र की शुरुआत गिरावट के साथ की। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांक लाल निशान में खुले। बाजार में कमजोरी का प्रमुख कारण आईटी शेयरों पर बना दबाव और उच्च वैल्यूएशन के चलते निवेशकों में बढ़ती सतर्कता माना जा रहा है। सुबह 9:29 बजे, बीएसई सेंसेक्स 311.90 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,790.20 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एनएसई निफ्टी 106.40 अंक या 0.42 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,062.65 पर आ गया। शुरुआती कारोबार में बाजार के लगभग सभी सेक्टर्स दबाव में दिखाई दिए।

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निफ्टी आईटी डंडेक्स में गिरावट:

भारतीय शेयर बाजार में आज विशेष रूप से निफ्टी आईटी इंडेक्स में 0.81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। आईटी सेक्टर की कंपनियों पर डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती और ग्लोबल क्लाइंट्स से कमजोर डिमांड के कारण दबाव देखा गया। इसके अतिरिक्त, निफ्टी ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी और रियल्टी इंडेक्स भी गिरावट में रहे।

टॉप गेनर्स में शामिल रहीं ये कंपनियां:

हालांकि, कुछ सेक्टर्स ने बाजार को सहारा देने की कोशिश की। निफ्टी पीएसयू बैंक 0.51 प्रतिशत और मेटल इंडेक्स 0.09 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। सेंसेक्स पैक में ट्रेंट, मारुति सुजुकी, टाटा स्टील, एसबीआई, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस टॉप गेनर्स में शामिल रहे, जिन्होंने बाजार की गिरावट को सीमित करने की कोशिश की। दूसरी ओर, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जो बाजार की कमजोरी को और गहरा कर रहे थे।

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में मिला-जुला असर:

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में मिला-जुला रुख रहा। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 177.05 अंक यानी 0.30 प्रतिशत गिरकर 58,319.55 पर रहा, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 14.30 अंक या 0.08 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ 18,206.05 पर बंद हुआ। विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी अपने सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से करीब 4 प्रतिशत नीचे है। बाजार में मूल्यांकन संबंधी चिंता बनी हुई है। यदि कंपनियों की कमाई में अपेक्षित तेजी नहीं आई, तो यह गिरावट और गहराई ले सकती है। स्मॉलकैप शेयरों में वैल्यूएशन अभी भी ऊंचा है, जिससे इस सेगमेंट में और गिरावट की संभावना जताई जा रही है।

लाल निशान में टोक्यो और सोल का कारोबार:

वैश्विक संकेत भी बाजार को स्पष्ट दिशा देने में विफल रहे। एशियाई बाजारों में टोक्यो और सोल लाल निशान में रहे, जबकि शंघाई, हांगकांग और बैंकॉक में तेजी देखने को मिली। अमेरिकी बाजार भी मंगलवार को नुकसान के साथ बंद हुए, जिससे वैश्विक अनिश्चितता और बढ़ गई है। इस समय निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। खासतौर से वैल्यूएशन और कंपनियों की आय वृद्धि पर नजर रखनी जरूरी है। बाजार की मौजूदा स्थिति में गिरावट को निवेश का मौका मानने से पहले गहन विश्लेषण आवश्यक है।

ये हैं वे 5 कारण जिनकी वजह से शेयर बाजार में आ रही गिरावट:

आज खुलते ही शेयर बाजार गिरना शुरू हो गया। भारतीय शेयर बाजार सोमवार को फिर से दबाव में दिखा। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 380.48 अंक गिरकर 81,721.62 पर आ गया, वहीं निफ्टी 106.45 अंक टूटकर 25,063.05 पर पहुंच गया। सबसे बड़े गिरने वाले शेयर Tech Mahindra, Wipro, Tata Motors, HDFC Bank और ICICI Bank लगभग 2% तक फिसले। IT और बैंकिंग शेयरों में विपरीत पारी बिकवाली सबसे तेज रही।

H-1B वीजा से जुड़ा नया नियम: यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने वीज़ा आवेदनों को वेतन-आधारित नियम के मद्देनजर ढाला जाने का प्रस्ताव रखा है। इससे भारतीय आईटी कंपनियों के लागत-नर्म मॉडल पर असर पड़ सकता है।

FII बिकवाली: मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने ₹3,551 करोड़ की इक्विटी बेच दी। लगातार निकलती पूंजी से बाजार पर दबाव बना हुआ है।

ग्लोबल संकेत: एशियाई बाजारों में भी दबाव दिखा। Korea का KOSPI और Japan का Nikkei 225 लाल निशान में रहे। वॉल स्ट्रीट में गिरावट के असर से एशिया में भी कमजोरी बनी रही।

कच्चे तेल की कीमतें: ब्रेंट क्रूड 0.28% बढ़कर 67.82 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। भारत जैसे बड़े आयातक देश के लिए यह चिंता का विषय है।

रुपये की गिरावट: रुपया शुरुआती कारोबार में 7 पैसे टूटकर 88.80/$ के स्तर पर आ गया, जो रिकॉर्ड स्मॉल-लो के काफी करीब है। लगातार निर्यात-आउटफ्लो और H-1B फीस बढ़ोतरी ने दबाव बढ़ाया।

फेड चेयर पॉवेल का बयान: जेरोम पॉवेल ने दर कट के बारे में सतर्क रुख अपनाते हुए कहा कि जल्दबाजी में ढील देने से महंगाई बढ़ सकती है, जबकि कड़ी छूट से रोजगार पर असर पड़ सकता है। इसका मतलब उभरते बाजारों से निवेशकों की दूरी बनी रह सकती है। Geojit Financial Services के आनंद जेम्स के अनुसार- निफ्टी के लिए 25,000 का सपोर्ट बना हुआ है। अपसाइड फिलहाल 25,278 तक सीमित है। जब तक निफ्टी 25,330 के ऊपर क्लोजिंग नहीं देता, तब तक 24,880–24,800 की रेंज में दबाव बना रहेगा।

Wheels India के शेयरों में कमजोर बाज़ार के बावजूद जबरदस्त तेजी देखी गई। बुधवार को स्टॉक 13% उछलकर ₹911.95 तक पहुंचा, जो उसका 52-सप्ताह का ऊपरी स्तर है। इस उछाल की बड़ी वजह बनी HDFC म्यूचुअल फंड की ब्लॉक डील, जिसमें कंपनी के 1.27 लाख से अधिक shares खरीदे गए। Wheels India का बिज़नेस ट्रैक्टर, ट्रक, पैसेंजर व्हीकल और एयर सस्पेंशन सिस्टम जैसे सेगमेंट्स में फैला हुआ है, जिससे इसे डोमेस्टिक और ग्लोबल डिमांड का फायदा मिल रहा है। बाज़ार में शानदार प्रदर्शन कमज़ोर बाजार के बीच भी Wheels India ने निवेशकों को खुशी दी। स्टॉक 13% उछलकर ₹911.95 के 52-सप्ताह के हाई पर पहुंच गया। कल 09:34 बजे तक शेयर लगभग 9% ऊपर ₹880 के आसपास कारोबार कर रहा था। इस समय NSE और BSE मिलाकर लगभग 6 लाख शेयरों का हाथ बदला गया। इसके मुकाबले निफ्टी 0.37% गिरा था। तेज़ी की बड़ी वजह HDFC म्यूचुअल फंड ने मंगलवार (23 सितंबर) को ब्लॉक डील के जरिए 1,27,940 शेयर खरीदे.खरीदारी का भाव ₹809 प्रति शेयर रहा। हालांकि, शेयर बेचने वाले के नाम से पर्दा उठ नहीं पाया है।

Catalyst Trusteeship ने 132.39 करोड़ शेयरों (4.22%) पर प्लेज रिलीज़ किया है। ये शेयर CA Basque Investments ने 2023 में लोन सिक्योरिटी के तौर पर गिरवी रखे थे। अब Catalyst के पास YES Bank पर कोई भी प्लेज नहीं बचा है। यह बड़ा प्लेज रिलीज़ बाज़ार के लिए एक सकारात्मक संकेत है। YES Bank की बैलेंसशीट और प्रोफिटेबिलिटी हाल के दिनों में सुधर गई है।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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