75 साल के हो गए RSS प्रमुख मोहन भागवत,जन्मदिन पर दे दिया बड़ा बयान

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के हर बयान को बहुत गंभीरता से लिया जाता है। इसकी खूब चर्चा भी होती है। मोहन भागवत ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि असहिष्णुता बहुत बढ़ गई है। लोगों में असंतोष भी बढ़ रहा है। RSS प्रमुख ने ईश्वर भक्ति और देशभक्ति पर भी अपने विचार व्यक्त किए।

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उन्होंने यह भी कहा कि विज्ञान और मानव ज्ञान के विकास के बावजूद, संघर्ष अभी भी जारी है। बता दें कि मोहन भागवत गुरुवार, 11 सितंबर को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह 16 साल से ज़्यादा समय से RSS के प्रमुख हैं। RSS प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में कहा, ‘देव भक्ति और देशभक्ति देखने में थोड़े अलग लगते हैं। इसलिए दो शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि हमारे देश भारत में ये दोनों अलग नहीं हैं, एक ही चीज़ हैं। जो सच्ची भक्ति करेगा, वही देश भक्ति भी करेगा।’ जो प्रामाणिकता से देशभक्ति करता है, भगवान भी उससे भक्ति करवाते हैं। यह तर्क नहीं, अनुभव है… ऐसा ही होता है।’

मोहन भागवत ने आगे कहा, ‘जीवन अपनेपन की भावना पर आधारित है और आज विश्व इसी अपनेपन के बंधनों के लिए तरस रहा है। पिछले 2000 वर्षों से विश्व एक अधूरे विचार पर आगे बढ़ा है। हम देखते हैं कि विज्ञान और मानव ज्ञान के विकास के बावजूद, संघर्ष अभी भी जारी है। लोगों में असंतोष बढ़ रहा है और असहिष्णुता भी बहुत बढ़ गई है।’

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने त्याग और कर्तव्य पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, ‘शिव त्याग और सेवा के आदर्श हैं, लेकिन त्याग का अर्थ अपने कर्तव्यों का त्याग करना नहीं है। जब कर्तव्य सामने आते हैं, तो उन्हें पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाया जाता है। संसार में बहुत सी चीजें होती रहती हैं, फिर भी वे किसी त्यागी व्यक्ति से चिपकती नहीं हैं। हम ऐसा काम नहीं करेंगे जो केवल उपकार करने के लिए हो या दुनिया पर हावी होने के लिए एक नया रास्ता दिखाने के लिए हो। दुनिया हमें शिक्षक कह सकती है, लेकिन हम दुनिया को मित्र कहेंगे।’

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार 11 सितंबर को 75 वर्ष के हो गए। वे 16 वर्षों से भी अधिक समय से संघ प्रमुख हैं। 11 सितंबर 1950 को महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में जन्मे भागवत, आरएसएस प्रमुख के कार्यकाल की अवधि के मामले में एमएस गोलवलकर और मधुकर दत्तात्रेय देवरस (बालासाहेब) के बाद तीसरे स्थान पर हैं। आरएसएस के तीसरे सरसंघचालक बालासाहेब 20 वर्षों से भी अधिक समय तक इस शीर्ष पद पर रहे, जबकि दूसरे सरसंघचालक गोलवलकर ने 32 वर्षों से भी अधिक समय तक संगठन का नेतृत्व किया।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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