नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने वोट चोरी के कुछ और नए और पुख्ता सबूतों का खुलासा कर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग जानबूझकर वोटरों के नाम हटाने और मतदान प्रक्रिया में धांधली को छिपाने की कोशिश कर रहा है।
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राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चुनाव आयोग से बीते 18 महीनों में किए गए पत्राचार और महत्वपूर्ण विवरणों के अनुरोधों के बावजूद, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने किसी भी तरह की कोई जानकारी साझा नहीं की। राहुल का आरोप था कि यह चुनाव आयोग द्वारा जानबूझकर किया जा रहा है ताकि मतदान प्रक्रिया से जुड़े गंभीर सबूतों को छिपाया जा सके।
उन्होंने एक और उदाहरण पेश करते हुए कहा कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में 5,994 वोटों को हटाने की कोशिश की गई थी, और इस मामले की जांच चुनाव आयोग ने जानबूझकर धीमी कर दी है। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसे मामले देश के अन्य हिस्सों में भी हो रहे हैं, खासकर उन सीटों पर जहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत समझी जाती है।

राहुल गांधी ने 63 वर्षीय गोदाबाई नामक एक महिला का उदाहरण पेश किया, जिनके नाम को बिना उनकी अनुमति के मतदाता सूची से निकाल दिया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया था, जबकि संबंधित व्यक्तियों ने कोई आवेदन नहीं दिया था।
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र के हत्यारों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से एक सप्ताह के भीतर इन मुद्दों पर कार्रवाई करने की मांग की। राहुल ने यह भी कहा कि इन घोटालों का मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र को कमजोर करना और मतदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित करना है।
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे एक हाइड्रोजन बम बताते हुए कहा कि इन आरोपों के साक्ष्य उनके पास हैं और यह भारत के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ लोग पूरे भारत में लाखों वोटरों को निशाना बना रहे हैं और चुनाव आयोग इस पर आंखें बंद किए हुए है।
इससे पहले, राहुल गांधी ने अगस्त में कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक वोटों की चोरी का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने तब भी पुख्ता सबूत पेश किए थे। उनका कहना था कि यह चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत का परिणाम है, जिसे जल्द ही उजागर किया जाएगा।