चीन। पीएम नरेंद्र मोदी इस समय चीन के दो दिवसीय दौरे पर हैं। वह चीन के तियानजिन शहर में हो रहे 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) शिखर सम्मेलन में शामिल लेने के लिए पहुंचे हैं। दोनों देशों के बीच यह अहम वार्ता भारतीय समय के अनुसार सुबह 9:30 बजे शुरू हुई जो करीब 40 मिनट तक चली। बता दें मोदी और जिनपिंग की यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब भारत और चीन के संबंधों में कुछ नरमी आई है।
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इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-चीन आर्थिक संबंधों की समीक्षा की और 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद तनावपूर्ण संबंधों को सामान्य बनाने के उपायों पर भी चर्चा की। सात साल बाद पीएम मोदी की यह पहली चीन यात्रा है और दस महीनों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी दूसरी मुलाकात है। पिछली मुलाकात रूस के कजान शहर में आयोजित ब्रिक्स 2024 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि ‘हम आपसी भरोसे और सम्मान के साथ रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपसी सम्मान और विश्वास को बढ़ावा देने पर जोर दिया और एससीओ की सफल अध्यक्षता के लिए चीन को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं और संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दें कि एससीओ समिट ने वैश्विक मंच पर भारत और चीन के बीच सहयोग की नई उम्मीदें जगाई हैं। इस शिखर सम्मेलन के अलावा, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक ने सबका ध्यान खींचा, जो 2020 के गलवान संघर्ष के बाद संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पीएम मोदी मुख्य रूप से 31 अगस्त से शुरू हो रहे एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन में हैं, लेकिन अमेरिका के साथ भारत के तनावपूर्ण संबंधों और टैरिफ विवाद के कारण शी के साथ उनकी बैठक का विशेष महत्व है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थिर और मैत्रीपूर्ण भारत-चीन संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए सकारात्मक होंगे। गौरतलब है कि इस शिखर सम्मेलन में 20 से ज़्यादा विदेशी नेता हिस्सा ले रहे हैं। चीन इस साल 10 सदस्यीय संगठन एससीओ का अध्यक्ष है, जिसमें भारत, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, चीन और बेलारूस शामिल हैं।