पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को बिहार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत, बिहार की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये, यानी कुल 7,500 करोड़ रुपये, सीधे हस्तांतरित किए गए। शुभारंभ के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के सपनों को पूरा करने और उन्हें आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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परिवार की एक महिला को मिलेगा योजना का लाभ:
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से योजना (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) का शुभारंभ करते हुए, PM Modi ने कहा कि उन्हें नवरात्रि के पावन दिनों में बिहार की महिलाओं के साथ खुशियां साझा करने का अवसर मिला। महिलाओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि एक भाई की खुशी तभी होती है जब उसकी बहन स्वस्थ, खुश और आत्मनिर्भर हो। यही भावनाएं उन्हें और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महिलाओं के हित में योजनाएं शुरू करने के लिए प्रेरित करती हैं। आज आपके दोनों भाई – नरेंद्र और नीतीश – आपकी सेवा, आपकी समृद्धि और आपके स्वाभिमान के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना इसका एक उदाहरण है। हर परिवार की एक महिला को इसका लाभ अवश्य मिलेगा।
PM Modi: कांग्रेस और राजद पर निशाना:
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार इतना व्याप्त था कि दिल्ली से भेजा गया एक भी रुपया सभी लाभार्थियों तक नहीं पहुँचता था। उन्होंने याद दिलाया, “एक पूर्व प्रधानमंत्री कहा करते थे कि अगर दिल्ली से एक रुपया भेजा जाता है, तो जनता तक केवल 15 पैसे ही पहुँचते हैं, बाकी 85 पैसे गटक लिए जाते हैं। लेकिन आज आपके खातों में भेजे गए 10,000 रुपये गटक नहीं सकते।”

उन्होंने कहा कि राजद के शासनकाल में बिहार की महिलाओं को अराजकता, नक्सली हिंसा और भ्रष्टाचार का दंश झेलना पड़ा। मोदी ने कहा, “याद कीजिए वो दिन जब बिहार की सड़कें टूटी हुई थीं, पुल गायब थे और गर्भवती महिलाएं बाढ़ के दौरान अस्पताल नहीं पहुँच पाती थीं। आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में कानून का राज लौट आया है और महिलाएं बिना किसी डर के घर से निकल पा रही हैं।”
Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: 75 लाख महिलाएं योजना से जुड़ी-
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक 75 लाख महिलाएं मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से जुड़ चुकी हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जब कोई महिला रोज़गार या स्व-रोज़गार से जुड़ती है, तो उसके सपनों को पंख लगते हैं और समाज में उसका सम्मान बढ़ता है। मोदी ने कहा कि अगर 11 साल पहले जन-धन योजना शुरू नहीं हुई होती और महिलाओं के बैंक खाते नहीं खोले गए होते, तो आज इतने बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) संभव नहीं होता।
उन्होंने कहा, “बैंक खातों को मोबाइल फ़ोन से जोड़ने की वजह से ही यह राशि बिना किसी बिचौलिए के सीधे आप तक पहुंच पाई है।” हाल ही में शुरू की गई “जीविका निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव यूनियन” का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था अब मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के साथ जुड़कर और भी प्रभावी होगी।
लखपति दीदी अभियान को मिलेगी मजबूती:
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना केंद्र सरकार के “लखपति दीदी अभियान” को भी मजबूत करेगी। इसका लक्ष्य देश की तीन करोड़ महिलाओं को “लखपति दीदी” बनाना है। उन्होंने कहा, “अब तक दो करोड़ से ज़्यादा बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं। उनकी मेहनत ने गाँवों और समाज की सूरत बदल दी है और परिवारों का मान बढ़ाया है।” उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की मुद्रा योजना, ड्रोन दीदी अभियान, बीमा सखी अभियान और बैंक दीदी अभियान भी महिलाओं को रोज़गार और स्वरोज़गार के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर 22 सितंबर से प्रभावी जीएसटी दरों में कटौती का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल परिवारों को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापार और व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।
बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) क्या है?
बिहार सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) का मूल उद्देश्य महिलाओं को अपने पसंद के स्व-रोजगार उद्यम और आय-व्यवसाय गतिविधियाँ शुरू करने के लिए प्रारम्भिक पूंजी देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनना देना है। इस योजना के अंतर्गत हर लाभार्थी को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के जरिये ₹10,000 का प्रारम्भिक अनुदान प्राप्त होगा और आगे के सालों में वह ₹2 लाख तक की अतिरिक्त सहायता भी पाने की उम्मीद कर सकता है। लाभार्थी अपनी आय-उत्पादक गतिविधियाँ शुरू करने के लिए कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई, बुनाई और लघु-स्तरीय उद्यम जैसे क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से चुनाव कर सकते हैं। वित्तीय सहायता के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से सामुदायिक संसाधन व्यक्ति प्रशिक्षण और सहायता भी प्रदान करेंगे, ताकि महिलाओं के उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने में मदद मिल सके। साथ ही महिला-उत्पादों के लिए बाजार तक पहुँच को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण हाट-बाजारों को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया जाएगा ताकि उत्पादकों को बेहतर मूल्य मिल सके और उनकी आय में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana के अवसर पर कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि माताएं-बहनें आज दी जा रही राशि का सदुपयोग करेंगी। पिछली सरकारों ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। सत्ता छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया, उन्हें सिर्फ अपने परिवार की चिंता थी, लेकिन हम परिवार को नहीं देखते; हम पूरे बिहार के लिए काम करते हैं।”
बिहार की मुख्यमंत्री रोजगार योजना का लाभ मूल रूप से बिहार की महिलाओं को मिलेगा। इस योजना के जरिए उन्हें अपनी मनपसंद का रोजगार चुनने की आजादी है। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को बिहार का स्थायी निवासी होना जरूरी है। इसके साथ आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10+2, इंटरमीडिएट, आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या समकक्ष होनी जरूरी है। और इस योजना के लिए 18 से 60 साल के बीच की उम्र की महिलाएं ही पात्र हैं। और आवेदक के परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में न हो।