जापान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) शुक्रवार को अपनी दो दिवसीय जापान यात्रा पर टोक्यो पहुंचे। यहां वे 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। जापान के टोक्यो में पीएम नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया गया। दरअसल, जापान पहुंचते ही स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। लगभग सात साल बाद PM मोदी की यह पहली जापान यात्रा है। मोदी का यह दौरा 29 से 30 अगस्त तक प्रस्तावित है।
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बता दें कि PM मोदी जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर जापान पहुंचे हैं। टोक्यो में भारतीय समुदाय ने पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और उत्साहपूर्ण स्वागत के साथ प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो दोनों देशों के बीच मज़बूत जन-जन संबंधों को दर्शाता है। इस यात्रा को लेकर PM मोदी ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच मौजूदा साझेदारी को और मजबूत करने और सहयोग के नए अवसरों को तलाशने का अवसर प्रदान करेगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट लिखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “मैं टोक्यो पहुंच गया हूं। भारत और जापान अपने विकासात्मक सहयोग को मजबूत कर रहे हैं, इसलिए मैं इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री इशिबा और अन्य लोगों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं, जिससे मौजूदा साझेदारियों को और मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने का अवसर मिलेगा।”

दरअसल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें कई उच्च-स्तरीय यात्राएं और व्यापार, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी में साझेदारियां शामिल हैं। दोनों नेता भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे, जिसमें रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, डिजिटल तकनीक, जलवायु कार्रवाई और नवाचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 22.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें जापान भारत का पांचवां सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश स्रोत होगा, जो दिसंबर 2025 तक 43.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा भारत और जापान के बीच दीर्घकालिक मित्रता को और मजबूत करेगी, सहयोग के नए रास्ते खोलेगी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उसके बाहर शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी।