नई दिल्ली। पहलगाम हमले (Pahalgam attack) को अंजाम देने वाले तीनों आतंकियों (terrorists) को ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने मार गिराया। अब खबर है कि इस ऑपरेशन के दौरान मारे गए आतंकी ताहिर हबीब का जनाना-ए-गायब गुलाम कश्मीर (PoK) के काई गल्ला गांव में निकाला गया।
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इस दौरान बड़ी संख्या में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य, पूर्व पाकिस्तानी सैनिक और बुजुर्ग शामिल हुए। यह घटना उस वक्त सामने आई है जब इस आतंकी (terrorist) के शव के बिना ही उसका अंतिम संस्कार किया गया, जिसे जनाजा-ए-गायब कहा जाता है। यह घटना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता रही थी। ताहिर हबीब का जनाजा निकाले जाने के साथ ही यह साबित हो गया कि पाकिस्तान और वहां के आतंकी संगठन भारतीय सीमाओं में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।

हालांकि ताहिर के परिजनों ने उसे अंतिम संस्कार में भाग लेने से मना कर दिया, जिससे वहां एक छोटी सी झड़प भी हुई। इस दौरान गांव के स्थानीय लोग आतंकवादियों (terrorists) के सामूहिक बहिष्कार की योजना बना रहे थे। इससे यह संकेत मिलता है कि पीओके में भी आतंकवाद के खिलाफ विरोध की भावना मजबूत हो रही है और पाकिस्तान में भी आतंक के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ने लगी है।
बता दें पहलगाम (Pahalgam) में हुए हमले के बाद आतंकी घटनाएं लगातार जारी थीं, जिनका बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) चलाया गया था। इस ऑपरेशन में उन आतंकियों को मारा गया, जिन्होंने पहलगाम हमले को अंजाम दिया था। भारतीय सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान के आतंकवादी अभियानों को एक और बड़ा झटका देते हुए इस ऑपरेशन (Operation Mahadev) में उन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया।