नई दिल्ली। नेपाल में जारी हिंसा (Nepal protest) के बीच, नेपाल की एक जेल से भागे 30 कैदियों को भारतीय सीमा में प्रवेश करते समय गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी सशस्त्र सीमा बल (SSB) द्वारा की गई। इन कैदियों में से 17 उत्तर प्रदेश से, 13 पश्चिम बंगाल और बिहार से पकड़े गए हैं। उत्तर प्रदेश में लखीमपुर, बहराइच और बलरामपुर जैसे जिलों में रात भर गश्त के दौरान ये गिरफ्तारियां हुईं।
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यह कार्रवाई नेपाल से कैदियों के भागने की सूचना मिलने के बाद शुरू की गई थी। सशस्त्र सीमा बल को यह जानकारी बुधवार को मिली थी, और इसके तुरंत बाद सीमा पर चौकसी को कड़ा कर दिया गया था ताकि और कोई नेपाल से भारत में प्रवेश न कर सके। नेपाल में चल रही हिंसा के चलते, वहां फंसे तेलुगु नागरिकों को सुरक्षित निकालने के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल में फंसे तेलुगु लोगों को निकालने के लिए हवाई और सड़क मार्ग से उन्हें भारत लाने का काम शुरू किया। काठमांडू से एक विशेष उड़ान ने 12 तेलुगु नागरिकों को सिमिकोट से निकाला, जबकि 22 लोग सड़क मार्ग से लौटे। आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने बताया कि 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए हवाई मार्ग पर विशेष फ्लाइट्स का आयोजन किया जाएगा।

बिहार के मोतिहारी के कुंडवा चैनपुर बॉर्डर पर तैनात एसएसबी की टीम ने बुधवार दोपहर महुलिया बॉर्डर के पास जांच के दौरान इन कैदियों को पकड़ा। बताया जाता है कि नेपाल में जारी विद्रोह का फायदा उठाकर सभी आरोपी जेल तोड़कर भाग निकले थे। एसएसबी की 20वीं बटालियन, सीतामढ़ी के कमांडेंट गिरीशचंद्र पांडेय ने पुष्टि की कि कुंडवा चैनपुर बटालियन ने ही इन कैदियों को गिरफ्तार किया था।
केंद्र और राज्य सरकार ने इस संकट के समाधान के लिए काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास और नेपाली अधिकारियों के साथ मिलकर प्रयास शुरू कर दिए हैं। अब तक आंध्र प्रदेश के कुल 217 नागरिक नेपाल में फंसे हुए हैं, जिनमें से 133 लोग काठमांडू हवाई अड्डे तक पहुंच चुके हैं। इस बीच 43 और नागरिकों के जल्द ही वहां पहुंचने की संभावना है।