Nepal Parliament: नेपाल की संसद में घुसे Gen-Z प्रदर्शनकारी; पुलिस फायरिंग में 9 की मौत, 80 घायल

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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काठमांडू। नेपाल में भ्रष्टाचार और हाल के सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए हैं। जेनरेशन Z ने सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज किया और युवाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कई प्रदर्शनकारी संसद भवन (Nepal Parliament) तक पहुँच गए और सुरक्षा बलों के रोकने पर वे और उग्र हो गए, बैरिकेड्स फांदकर इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों पर पत्थराव भी हुआ। स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे, पानी की बौछार की और कुछ स्थानों पर गोलीबारी भी की गई।

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घटना में 9 लोगों की मौत हो गई और 80 लोग घायल बताए जा रहे हैं। काठमांडू के न्यू बानेश्वर और झापा जिले के दमक सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में थे। युवा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के उद्देश्य से पुलिस की ओर से हवा में गोलीबारी और दर्जनों रबर की गोलियों के इस्तेमाल के कारण कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई। इससे तीन पत्रकार घायल हुए और सैकड़ों अन्य लोग घायल हो गए। सूत्रों के अनुसार, एक पत्रकार श्याम श्रेष्ठ को भी गोली लगी है, जिसका सिविल अस्पताल में उपचार चल रहा है।

परिस्थितियाँ बिगड़ती देख सेना ने मोर्चा संभाला और प्रदर्शनकारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इधर, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बैरिकेड्स तोड़कर और गेट फांदकर न्यू बानेश्वर स्थित संघीय संसद परिसर पर धावा बोल दिया। पहले प्रदर्शनकारियों ने शांति बनाए रखने का संकल्प लिया था, पर पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारें चलाईं, जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने युवाओं के प्रदर्शनों को देखते हुए एक स्पष्ट चेतावनी दी है। उनका कहना है कि प्रदर्शन से जुड़े परिणामों को युवाओं को समझना चाहिए, ताकि वे अपनी दिशा और कीमत को भाँप सकें। नेपाली अखबार के अनुसार नेपाल की सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पर लगाए गए बैन तब हटेंगे जब फेसबुक, यूट्यूब जैसी कंपनियाँ नेपाल में अपना दफ्तर स्थापित नहीं करतीं। ओली सरकार का तर्क है कि सोशल मीडिया सेवाएं देने वाली कंपनियों को नेपाल आकर रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए और धांधली, गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनानी होगी। इस मुद्दे पर गौर करें तो नेपाल में अब तक केवल टिकटॉक, वाइबर, निम्बज, विटक और पोपो लाइव आदि ही कंपनियों ने अपने रजिस्ट्रेशन नेपाल के कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज कराए हैं। सरकार का कहना है कि अन्य अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी नेपाल में आकर कानूनन दायित्व निभाएं और स्थानीय नियमों के अनुसार संचालन करें, ताकि समाज में सुरक्षा और संतुलन बना रहे।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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