Mirai: छा गई तेजा सज्जा की एडवेंचर से भरपूर फिल्म ‘मिराय’, विजुअल्स हैं शानदार

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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एंटरटेनमेंट डेस्क। तेजा सज्जा की बहुप्रतीक्षित फिल्म मिराय (Mirai) आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। हनुमान की अपार सफलता के बाद से ही तेजा सज्जा की मिराय का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। हनुमान की तरह ही इस फिल्म का कथानक भी पौराणिक कथा से जुड़ा है। इस बार अभिनेता 9 ग्रंथों की रक्षा के लिए लौटे हैं। इस फिल्म की घोषणा पिछले साल ही हुई थी और तब से लोग इस शानदार प्रस्तुति को बड़े पर्दे पर देखने के लिए उत्सुक थे।

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कार्तिक घट्टामनेनी द्वारा निर्देशित, ‘मिराय’ एक योद्धा की कहानी है जिसे नौ पवित्र ग्रंथों की रक्षा करनी है। जो किसी भी इंसान को भगवान बना सकते हैं। इस बार तेजा सज्जा, मंचू मनोज से लड़ रहे हैं, जो फिल्म में एक नकारात्मक भूमिका में हैं। फिल्म में प्रभास की आवाज इसमें जान डाल रही है।

‘मिराय’ पौराणिक कथाओं को समकालीन कल्पना के साथ मिलाने का एक भव्य सिनेमाई प्रयास है, जो दो अलग-अलग समयावधियों में घटित होता है। कहानी सम्राट अशोक से शुरू होती है, एक ऐसे शासक जो अपनी सैन्य विजयों के बावजूद, अपराधबोध और पश्चाताप से ग्रस्त है। यह फिल्म आधुनिक कहानी कहने की कला के साथ भारत के समृद्ध पौराणिक इतिहास को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है। यह सिर्फ़ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव है।

तेजा सज्जा (Teja Sajja) ने अपने दमदार अभिनय और आत्मविश्वास से फिल्म (Mirai) को संभाला है, दर्शकों को वेधा के सफर से बांधे रखा है। महावीर लामा के रूप में अपनी महत्वाकांक्षी भूमिका में मनोज मंचू हमेशा अपेक्षित तीव्रता नहीं दिखा पाते, जिससे खलनायक थोड़ा कमज़ोर लगता है। रितिका नायक अपने आकर्षण और सादगी से चमकती हैं, जबकि श्रेया सरन अपने किरदार में भावनात्मक ईमानदारी लाती हैं। जयराम और जगपति बाबू अपनी सहायक भूमिकाओं में गंभीरता भरते हैं, और बाकी कलाकारों ने भी दमदार अभिनय किया है। प्रभास की आवाज़ फिल्म में जान डाल देती है।

अगर “मिराय” ने उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित किए हैं, तो वह है इसके दृश्य। रामजी डॉट और मुथु सुब्बैया द्वारा निर्मित वीएफएक्स बेहद शानदार और प्रभावशाली हैं। फिल्म में विशाल, जादुई परिदृश्य और रोमांचकारी एक्शन सीक्वेंस बिल्कुल असली लगते हैं। चलती ट्रेन के दृश्य से लेकर भव्य युद्धों तक, हर पल एक अद्भुत दृश्य अनुभव है। कार्तिक घट्टामनेनी की सिनेमैटोग्राफी पौराणिक भव्यता और एक्शन की कठोरता, दोनों को बखूबी दर्शाती है, जिससे हर फ्रेम एक कलाकृति जैसा लगता है। प्रदीप सलेम (नांग), केचा खम्पाकडी और अन्य द्वारा कोरियोग्राफ किए गए एक्शन सीक्वेंस भी सराहनीय हैं।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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