कश्मीर। बीते 14 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ (Kishtwar ) जिले में धराली हादसे के बाद चुशोती गांव में बादल फटने से इलाके में भारी तबाही हुई है और यहां जिंदगी तबाह हो चुकी है। इस प्राकृतिक आपदा में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीण इलाकों में हर तरफ तबाही का मंजर है। इस घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है। अधिकारियों को डर है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
इसे भी पढ़ें-Kishtwar Cloudburst में मरने वालों की संख्या हुई 46, लापता हुए 200 लोग
यह घटना मचैल माता यात्रा मार्ग पर हुई, जिससे बड़ी संख्या में तीर्थयात्री भी प्रभावित हुए हैं। वहीं, इस प्राकृतिक आपदा में सीआईएसएफ के तीन जवान शहीद हो गए और एक अभी भी लापता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना के अलावा एनडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवक लगातार बचाव और तलाशी अभियान चला रहे हैं। जानकारी के अनुसार किस्तवाड़ में बादल फटने से अब तक 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं और लगभग 200 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार यह संख्या और भी ज़्यादा हो सकती है क्योंकि घटनास्थल पर मौजूद कई लोग अभी भी लापता हैं। बचाव कार्यों में आ रही मुश्किलों के बावजूद, टीमें मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश में लगी हुई हैं। उधर घटनास्थल का दौरा करने के बाद भाजपा नेता रवींद्र रैना ने कहा, “इस गांव में कुदरत ने कहर बरपाया है। चारों तरफ तबाही मची है। बड़ी संख्या में लोग और उनके घर मलबे में दबे हुए हैं।” उन्होंने बताया कि अब तक मलबे से लगभग 70 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि आशंका है कि 200 से ज़्यादा लोग अभी भी दबे हो सकते हैं।
बता दें कि किश्तवाड़ जिले के बाद बीते रविवार सुबह कठुआ जिले में अचानक बादल फट गया। देखते ही देखते पानी का सैलाब आसपास के इलाकों को बहा ले गया। इस आपदा में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई लोग बाढ़ में लापता हो गए। इसके अलावा रेलवे ट्रैक, राष्ट्रीय राजमार्ग और कठुआ पुलिस थाना परिसर को भी नुकसान पहुंचा है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है।