तमिलनाडु। शनिवार की शाम तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली (Vijay’s rally i) के दौरान भगदड़ मच गई। इस दुर्घटना में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक लोग घायल हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस बीच, अभिनेता-राजनेता विजय ने आज शाम अपने संबोधन में भगदड़ (Karur Stampede) में मारे गए 39 लोगों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की।
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साथ ही उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना में घायल करीब 100 लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। विजय ने कहा— दुख की इस घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़ा हूँ। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने बताया कि वे दुख से परे नहीं आ पा रहे हैं। उनके दिल में जो दर्द है, उसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। आँखें और मन अपार दु:ख से जकड़े हुए हैं। उनके उन सभी चेहरों की याद बार-बार आ रही है, जिनसे उन्होंने मुलाकात की है और जो उनके विचारों में बार-बार घूम रहे हैं। प्रियजनों के प्रेम और देखभाल की याद उनके दिल को और भी विचलित कर देती है।

इस पोस्ट में आगे उन्होंने लिखा कि मैंने अवर्णनीय पीड़ा के साथ आप सभी के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है, खासकर उन लोगों के लिए जो हमारे प्रियजनों के निधन पर शोक मना रहे हैं। मैं आपके दिल के करीब खड़ा हूँ और इस अपार दुःख को साझा कर रहा/रही हूँ। यह वास्तव में हमारे लिए एक अपरिहार्य क्षति है। चाहे कोई भी हमें सांत्वना दे, हमारे प्रियजनों का नुकसान असहनीय है। फिर भी, एक परिवार के सदस्य के रूप में, मैं उन सभी परिवारों के लिए 20 लाख रुपये और उन घायलों के लिए 2 लाख रुपये प्रदान करने की इच्छा रखता/रखती हूँ जिनका इलाज चल रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने करूर भगदड़ में मारे गए परिजनों को 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी, और घायलों को 1 लाख रुपये दिए जाने की बात कही थी।
सरकार ने राहत पैकेज का किया ऐलान:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे “अपूरणीय क्षति” बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “39 लोगों की मौत की खबर ने हमें झकझोर दिया है। मैंने निर्देश दिया है कि अस्पतालों में भर्ती सभी लोगों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।” सीएम स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने इस त्रासदी के कारणों और जिम्मेदारी की जांच के लिए उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जाँच आयोग का गठन किया है।
तमिलगा वेट्टी कजगम (TVK) प्रमुख विजय (Vijay) ने एक्स पर एक भावुक पोस्ट करते हुए कहा, “मेरा दिल टूट गया है, यह असहनीय दर्द है। करूर में अपने भाइयों और बहनों को खोने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।” इस पोस्ट को कुछ ही घंटों में 27,000 से ज़्यादा लाइक मिले।
हालांकि, उनकी भूमिका ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि मंच से पानी की बोतलें फेंकने से भगदड़ और बढ़ गई। इसके अलावा, घटना के तुरंत बाद पीड़ितों से मिले बिना ही चेन्नई से चार्टर्ड फ्लाइट से रवाना होने की भी आलोचना हुई है। इंस्टाग्राम पर #KarurStampede और #IStandWithVijay जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी के प्रत्येक पीड़ित के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि घायलों को 50,000 रुपये तक दिए जाएंगे। आपको बता दें तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता से नेता बने विजय (TVK Chief Vijay) की रैली के दौरान मची भगदड़ ने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया है। रविवार को हुई इस रैली में 39 लोगों की जान चली गई। मृतकों में नौ बच्चे और 15 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 50 से ज़्यादा लोग अभी भी अस्पतालों में जिदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन समेत अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल:
रिपोर्टों के अनुसार, आयोजकों ने करूर बस स्टैंड पर रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने एक छोटे से स्थल की अनुमति दे दी। भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन व्यवस्थाओं में गंभीर कमियाँ स्पष्ट रूप से दिखाई दीं। साहित्यकार वैरामुथु और विपक्षी नेताओं ने कहा कि ऐसी चिंताओं को पहले ही उठाया जाना चाहिए था और आयोजकों को, सरकार के साथ, ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए।
राजनीतिक प्रभाव और सबक:
इस दुर्घटना को विजय के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिन्होंने फरवरी 2024 में अपनी पार्टी, तमिलगा वेत्री कजगम (TVK) की स्थापना की थी। उनकी लोकप्रियता ने बड़ी भीड़ खींची है, लेकिन जान-माल की कीमत पर। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इससे उनकी “सत्ता-विरोधी” छवि कमजोर हो सकती है। फिलहाल, राज्य सरकार, विपक्ष और जनता, सभी की नजर जांच आयोग की रिपोर्ट पर है। यह त्रासदी इस बात की कड़ी याद दिलाती है कि लोकतांत्रिक राजनीति में भीड़-गतिशीलता की चाहत इंसानी जान से ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं हो सकती।
उम्मीद से भी अधिक भीड़:
शनिवार देर रात जी. वेंकटरमन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये इस हादसे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोजकों ने 10,000 लोगों की उम्मीद जताई थी, लेकिन वास्तविकता में लगभग 27,000 लोग ही पहुंचे। रैली के लिए 500 सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए थे। टीवीके की पिछली रैलियों में भीड़ कम रहती थी, पर इस बार उम्मीद से कहीं अधिक लोग जुटे।
विजय के आने में देरी:
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि टीवीके ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर कहा था कि विजय दोपहर 12 बजे तक सभा स्थल पर पहुंचेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लोग रैली स्थल पर आना शुरू हो गए थे और रैली को दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के बीच की अनुमति मिली थी।