नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के लिए एक नई और महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि सामने आई है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और स्पेन की डिफेंस कंपनी इंद्रा ने मिलकर भारतीय नौसेना के लिए पहला स्वदेशी 3D एयर सर्विलांस रडार ‘लांजा-एन’ कमीशन किया है। यह रडार अब भारतीय युद्धपोत पर कार्य कर रहा है, जिससे भारतीय नौसेना की निगरानी क्षमता में काफी सुधार होगा।
इसे भी पढ़ें-6,000mAh की तगड़ी बैटरी के साथ लांच हुआ Vivo Y400 5G; जानें प्राइस
इस रडार का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह ड्रोन, सुपरसोनिक जेट्स, और एंटी-रेडिएशन मिसाइलों जैसे दुश्मन के हवाई और सतह लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है, जिससे युद्ध की स्थिति में दुश्मन के हमले से बचाव करना और भी आसान हो जाएगा।
लांजा-एन रडार, इंद्रा के लांजा 3D रडार का नौसैनिक संस्करण है। यह दुनिया के सबसे एडवांस लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस और एंटी-मिसाइल रडार में से एक माना जाता है। इसकी रेंज 254 नॉटिकल माइल्स (लगभग 470 किलोमीटर) तक है, जो इसे भारतीय महासागर के क्षेत्र में अत्यधिक प्रभावी बनाता है। यह रडार विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को 3D में ट्रैक करने की क्षमता रखता है, जिससे उसे सिर्फ हवाई नहीं, बल्कि सतह के लक्ष्यों को भी आसानी से पहचानने और ट्रैक करने का मौका मिलता है। रडार को खासतौर पर भारतीय महासागर की भिन्न जलवायु स्थितियों जैसे नमी और गर्मी के लिए मिलता है। रडार को खासतौर पर भारतीय महासागर की भिन्न जलवायु स्थितियों जैसे नमी और गर्मी के लिए अनुकूलित किया गया है। यह खराब मौसम में भी कार्य करने में सक्षम है, जिससे यह युद्धपोतों को किसी भी मौसम की स्थिति में दुश्मन के हमले से बचाने के लिए प्रभावी साबित होता है।

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और इंद्रा के बीच यह सहयोग 2020 में शुरू हुआ था, जिसके तहत 23 रडारों की डिलीवरी का समझौता हुआ था। इन रडारों में से तीन रडार सीधे इंद्रा से आएंगे, जबकि बाकी 20 रडार भारत में टाटा द्वारा असेंबल किए जाएंगे। इसके तहत कर्नाटक में एक रडार असेंबली और टेस्टिंग फैसिलिटी भी स्थापित की गई है, जिससे रडारों की डिलीवरी में तेजी लाई जा सके।
देश की सरकार आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार काम कर रही है। स्वदेशी 3D एयर सर्विलांस रडार ‘लांजा-एन’ कमीशन आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सुकर्ण सिंह, CEO और MD, TASL ने इस सहयोग को भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा, “हम स्थानीय सप्लाई चेन और तकनीकी विशेषज्ञता से उन्नत रक्षा प्रणालियों का इकोसिस्टम बना रहे हैं।