नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों भारी बारिश हो रही है। वहीं हथिनी कुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी से दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार सुबह 7 बजे पुराने रेलवे पुल पर 207.48 मीटर दर्ज किया गया। यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ (Delhi Flood) जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यमुना के आसपास के निचले इलाकों में पानी भर गया है। जिससे लोगों के घर और सामान सब डूब गए हैं। यहां तक बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय तक भी पहुंच गया है। जहा मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के कार्यालय स्थित हैं।
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इसके अलावा, वासुदेव घाट के आसपास के इलाके भी जलमग्न हो गए हैं। उधर IMD ने राजधानी में और बारिश की चेतावनी दी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह 5 बजे पानी का जलस्तर 207.47 मीटर था। इसके बाद यह 6 और 7 बजे के बीच बढ़ गया और 207.48 मीटर पहुंच गया। वहीं यमुना के बढ़ते जलस्तर ने कश्मीरी गेट, गढ़ी मांडू, यमुना बाजार, गीता कॉलोनी, मजनू का टीला और मयूर विहार जैसे इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जहां आवासीय और व्यावसायिक इमारतें स्थित हैं। इसके अलावा दिल्ली के अलीपुर थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर स्थित फ्लाईओवर का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।

अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अब तक 14,000 से ज़्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। इनके लिए राहत शिविर मयूर विहार, आईटीओ और गीता कॉलोनी में स्थापित किए गए हैं। दिल्ली के सबसे पुराने निगमबोध घाट में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं कश्मीरी गेट के पास स्थित हनुमान बाबा मंदिर, श्री मरघट में भी पानी पहुंच गया है। राफिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है।
राष्ट्रीय आपदा त्वरित कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) जैसी एजेंसियों के साथ समन्वय में राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बता दें कि बुधवार शाम जारी बाढ़ नियंत्रण बुलेटिन में कहा गया है कि गुरुवार सुबह 8 बजे पुराने रेलवे पुल का जलस्तर 207.48 मीटर होगा, लेकिन उसके बाद नदी का जलस्तर कम होने की संभावना है। दरअसल यमुना के प्रवाह और बाढ़ के खतरे का आकलन करने के लिए पुराना रेलवे पुल एक महत्वपूर्ण निगरानी केंद्र बना हुआ है।