नई दिल्ली। मिथुन मन्हास (Mithun Manhas) को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का नया अध्यक्ष (BCCI New President) चुना गया है। जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) से जुड़े पूर्व क्रिकेटर मन्हास अब रोजर बिन्नी की जगह लेंगे। बीसीसीआई मुख्यालय में आयोजित वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में नए पदाधिकारियों के नामों पर अंतिम मुहर लगी है। राजीव शुक्ला बीसीसीआई के उपाध्यक्ष बने रहेंगे। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के मौजूदा अध्यक्ष रघुराम भट्ट कोषाध्यक्ष हैं। इनके अलावा, देवजीत सैकिया सचिव पद पर बने रहेंगे, जबकि प्रभतेज भाटिया को संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है।
इसे भी पढ़ें-ICC Rankings में सिराज-प्रसिद्ध ने लगाई छलांग, टॉप-5 में ये खिलाड़ी
दरअसल, मिथुन मन्हास पहले जम्मू-कश्मीर के शख्स होंगे जो बीसीसीआई के अध्यक्ष बने हैं। बता दें कि बीसीसीआई की स्थापना 1928 में हुई थी और 97 सालों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई जम्मू-कश्मीर के शख्स को बीसीसीआई का बॉस बनते देखा गया हो।
जितेंद्र सिंह ने लिखा- मिथुन मनहास को आधिकारिक तौर पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) का नया अध्यक्ष घोषित किया गया है। जम्मू-कश्मीर के दूरस्थ जिलों में से एक डोडा के लिए यह दिन कितनी बड़ी उपलब्धि है—यह शब्दों में बयां करना मुश्किल है, क्योंकि डोडा मेरी जन्मभूमि भी है। कुछ ही घंटों के भीतर दो बड़ी खबरें आकर सामने आईं। पहले किश्तवार की बेटी शीतल विश्व चैंपियन बनकर चमकने लगीं और उसके ठीक बाद मिथुन को इस प्रतिष्ठित पद के लिए चुना जाना भी सुनाया गया।

बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। पूर्व भारतीय क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा को राष्ट्रीय सीनियर पुरुष चयन समिति में शामिल किया गया है, वे एस शरथ की जगह लेंगे। साथ ही एस शरथ को जूनियर चयन समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया है और वे वीएस तिलक नायडू की जगह लेंगे। जसज्ञात रूप से, पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आरपी सिंह को सुब्रतो बनर्जी की जगह चयन समिति में शामिल किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक के वरिष्ठ क्रिकेट दिग्गज रघुराम भट को कोषाध्यक्ष के रूप में चुना गया है, जबकि छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के प्रभतेज सिंह भाटिया को संयुक्त सचिव बनाया गया है। देवजीत साकिया इसी प्रकार बीसीसीआई सचिव पद पर बने रहेंगे। वहीं राजीव शुक्ला उपाध्यक्ष की भूमिका में बने रहेंगे; उन्हें इससे पहले पाँच वर्षों का कार्यकाल पुरा हुआ है और इसके अलावा उन्हें एक्सटेंशन भी मिला है। नई टीम के गठन के साथ भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, पूर्व खिलाड़ियों के नेतृत्व में बोर्ड का दृष्टिकोण अब और भी अधिक खिलाड़ी-केंद्रित तथा रणनीतिक होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस टीम की प्राथमिकताओं में युवा क्रिकेटरों के विकास, घरेलू टूर्नामेंटों की गुणवत्ता में सुधार और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की स्थिति मजबूत करना शामिल रहेगा।
1997-98 में की थी घरेलू क्रिकेट की शुरुआत:
मिथुन मन्हास को जम्मू और क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) की ओर से नामित किया गया था, जहां वह बतौर प्रशासक कार्यभार संभाल चुके थे। वह पहले अनकैप्ड क्रिकेटर होंगे, जो देश की सबसे मजबूत इकाई का नेतृत्व करेंगे। 1997/98 में घरेलू क्रिकेट की शुरुआत करने वाले मिथुन मन्हास ने भारत की अंडर-19 और ए टीम का भी प्रतिनिधित्व किया। मिथुन मन्हास दिल्ली की कप्तानी भी कर चुके हैं। उनकी कप्तानी में टीम ने 2007-08 सीजन में रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था, जिसमें उन्होंने 921 रन बनाए थे। घरेलू क्रिकेट में मिथुन मन्हास का प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने 157 फर्स्ट क्लास मुकाबलों की 244 पारियों में 45.82 की औसत के साथ 9,714 रन बनाए। इस दौरान नाबाद 205 रन की पारी भी खेली।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मिथुन के नाम 27 शतक और 49 अर्धशतक:
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मिथुन के नाम 27 शतक और 49 अर्धशतक हैं। वहीं, 130 लिस्ट-ए मुकाबलों में मिथुन मन्हास ने 45.84 की औसत के साथ 4,126 रन जुटाए। इस दौरान उनके बल्ले से 5 शतक और 26 अर्धशतक निकले। मिथुन मन्हास ने अपने करियर में 55 आईपीएल मुकाबले खेले, जिसमें 22.34 की औसत के साथ 514 रन जुटाए। उन्होंने इस लीग में दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स इंडिया और चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेला। घरेलू क्रिकेट में प्रभावशाली प्रदर्शन के बावजूद मिथुन मन्हास सीनियर टीम में स्थान नहीं बना सके।
Who is Mithun Manhas: Mithun Manhas कौन हैं?
मिथुन मन्हास का जन्म जम्मू में 12 अक्तूबर 1979 को हुआ था। उनके पास क्रिकेट और प्रशासन—दोनों का अनुभव है। वह जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के साथ प्रशासनिक भूमिका में रहे और बीसीआई की एजीएम (एग्जीक्यूटिव ग्रुप मीटिंग) में राज्य का प्रतिनिधित्व किया। मैदान पर वह भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे सम्मानित खिलाड़ियों में से एक माने जाते रहे। 1997/98 में फर्स्ट क्लास डेब्यू करने वाले मिथुन मन्हास मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ रहे। राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज बल्लेबाज़ों की मौजूदगी में मन्हास को भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला, फिर भी घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली रहा। 2007/08 सीजन में दिल्ली को रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनाने में उनका अहम योगदान रहा। उस सीजन में उन्होंने 57.56 की औसत से 921 रन बनाए। वे दायें हाथ के बल्लेबाज़ थे और जरूरत पड़ने पर ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी भी करते थे। कई मौकों पर वे विकेटकीपर की भूमिका भी निभाते आए हैं।
दर्शकों के सामने घरेलू क्रिकेट में अद्वितीय प्रदर्शन के बावजूद मिथुन मन्हास को भारतीय सीनियर टीम में खेलने का अवसर नहीं मिल पाया। इसका प्रमुख कारण यह रहा कि उस दौर में भारतीय मिडिल-ऑर्डर में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज मौजूद थे। बावजूद इसके मन्हास ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वारियर्स और चेन्नई सुपर किंग्स की टीमों के लिए खेलकर अपनी प्रतिभा को साबित किया। यह चयन भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना गया, क्योंकि एक अनुभवी खिलाड़ी अब बोर्ड की जिम्मेदारी उठा रहा है।
Mithun Manhas का क्रिकेट करियर:
फर्स्ट क्लास – मैच – 157, रन – 9714, सर्वोच्च – 205*, औसत – 45.82, शतक – 27, अर्धशतक – 49
लिस्ट ए – मैच – 130, रन – 4126, सर्वोच्च – 148, औसत – 45.84, शतक – 5, अर्धशतक – 26
टी20 – मैच – 91, रन – 1170, सर्वोच्च – 52, औसत – 21.66, अर्धशतक – 1
ये बनी महिला चयन समिति की अध्यक्ष:
वार्षिक आम बैठक के दौरान अमिता शर्मा को महिलाओं की चयन समिति की अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने की पुष्टि हुई, उन्होंने ने नीतू डेविड की जगह ली है। इस पैनल में पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अमिता शर्मा के साथ श्यामा डे, जया शर्मा और श्रावंती नायडू भी सम्मिलित होंगी। इनका कार्यकाल भारत और श्रीलंका में आयोजित 30 सितम्बर से 2 नवंबर तक होने वाले महिला विश्व कप के पश्चात शुरू होगा।