नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के लिए कल पीडीए उम्मीदवार के नामांकन के बाद आज विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी (B Sudarshan Reddy ) ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता जैसे सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार,सपा नेता रामगोपाल यादव और संजय राउत समेत तमाम लोग मौजूद रहे। उपराष्ट्रपति चुनाव में सुदर्शन रेड्डी का मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा। जो पहले अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी ने नामांकन पत्रों के चार सेट दाखिल किए गए हैं, जिन पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, डीएमके के तिरुचि शिवा और 160 सांसदों ने प्रस्तावक और समर्थक के रूप में हस्ताक्षर किए हैं।
गौरतलब है कि नामांकन से पहले, बुधवार को ‘इंडिया गठबंधन’ के नेताओं ने बी. सुदर्शन रेड्डी के सम्मान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया। यह समारोह संसद भवन परिसर के केंद्रीय कक्ष में हुआ, जहां रेड्डी को सम्मानित किया गया। बता दें कि उम्मीदवारों के नामांकन करने के की अंतिम तारीख 21 अगस्त है और उम्मीदवारी वापसी की तारिख 25 अगस्त तक है। इस पद के लिए 9 सितंबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती भी मतदान के दिन ही होगी। दरअसल उपराष्ट्रपति का चुनाव जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को इस्तीफा देने के कारण हो रहा है। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 तक था।

रेड्डी गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त भी रह चुके हैं। वे आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्हें 2007 में सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। रेड्डी का सीधा मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा। दोनों ही उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “पूर्व न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी न्याय के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने निडर होकर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता के लिए काम किया और ऐसे ऐतिहासिक फैसले दिए जिनसे हमारा लोकतंत्र मज़बूत हुआ। यह उपराष्ट्रपति चुनाव सिर्फ़ एक पद के लिए नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा के लिए एक वैचारिक संघर्ष है।”