Azam Khan के जेल से बाहर आते ही यह क्या बोल गए अखिलेश यादव…,सियासी हलचल तेज

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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सीतापुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान (Azam Khan) 23 महीने बाद मंगलवार को सीतापुर जेल से रिहा हो गए। सपा नेता की रिहाई की प्रक्रिया मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे पूरी हुई। आजम खान की रिहाई पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने खुशी जताई है। पूर्व सीएम ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सपा सरकार बनने पर आजम खान के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खान को झूठे मामले में फंसाया गया था।

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उत्तर प्रदेश की सियासत के कद्दावर चेहरे और समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य व वरिष्ठ नेता आज़म खां को लगभग दो साल बाद जेल से रिहाई मिल गई है। सीतापुर जिला कारागार से आज मंगलवार दोपहर करीब 12ः15 बजे जैसे ही आजम खां बाहर आए, वहां मौजूद उनके समर्थकों की आंखों में राहत और चेहरे पर खुशी साफ़ दिखाई दे रही थी। 104 मुकदमों से घिरे आजम खां को रिहा कराने के लिए बीते कुछ महीनों से लगातार कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही थी, जो अब अंततः रंग ले आई है। आजम खान की रिहाई के साथ उत्तर प्रदेश की सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। उनके बीएसपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अटकलों को खारिज कर दिया है।

मंगलवार को एक प्रेस प्रेस कॉफ्रेंस में सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा, “सपा नेता आजम खान जेल से रिहा हो गए हैं। मैं इसके लिए कोर्ट का शुक्रिया अदा करता हूं। हम समाजवादियों को विश्वास था कि अदालत न्याय करेगी। समाजवादियों के लिए यह खुशी की बात है कि आज आजम खान रिहा हो गए हैं।” उन्होंने कहा, “आजम समाजवादी पार्टी के साथ हैं और भाजपा के खिलाफ लड़ाई में उनकी भूमिका अहम रही है। हमें उम्मीद है कि भाजपा भविष्य में कोई भी झूठा मुकदमा दर्ज करके अन्याय नहीं करेगी।”

योगी सरकार पर साधा निशाना:

अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, “जिस तरह मुख्यमंत्री ने अपने और उपमुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस ले लिए हैं, उसी तरह सपा सरकार बनने पर आजम खान के खिलाफ सभी झूठे मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे। आजम खान को झूठे मुकदमे में फंसाया गया था। आज उनकी रिहाई हम सभी के लिए खुशी का दिन है।”

आजम को 72 मामलों में मिली जमानत:

इससे पहले, मंगलवार को सीतापुर जेल से 23 महीने बाद आजम खान (Azam Khan) रिहा हुए। जिला प्रशासन ने जेल के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। आजम खान की रिहाई मंगलवार सुबह होनी थी, लेकिन ज़मानत बांड पर उनके पते में त्रुटि के कारण रिहाई प्रक्रिया रोक दी गई। इसके बाद, मंगलवार दोपहर को आजम खान की रिहाई की प्रक्रिया पूरी हुई और वे कड़ी सुरक्षा के बीच एक वाहन में जेल परिसर से रवाना हुए। आजम खान को हाल ही में क्वालिटी बार ज़मीन हड़पने के मामले सहित 72 मामलों में ज़मानत मिल चुकी है। आज़म खान अक्टूबर 2023 से सीतापुर जेल में बंद थे।

आसान नहीं थी रिहाई:

आजम खां की रिहाई की राह इतनी भी आसान नहीं थी। रामपुर से जुड़े क्वालिटी बार प्रकरण सहित कुल 104 मुकदमें उनके खिलाफ दर्ज थे, जिनमें 72 मामलों में जमानत के आदेश जारी हो गए। इनमें से 19 मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में हुई, जबकि बाकी मामलों में पहले ही रिहाई मिल चुकी थी। डूंगरपुर प्रकरण में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद उनके खिलाफ लंबित मुकदमों की स्थिति धीरे-धीरे साफ होती गई। सोमवार को लूट, डकैती और धोखाधड़ी से जुड़े 19 मामलों में भी रिहाई के आदेश आ गए। इसी के बाद सीतापुर जेल प्रशासन को आधिकारिक मेल भेजा गया।

Azam Khan Release : जुर्माना जमा कर रिहाई प्रक्रिया पूरी हुई:

रामपुर स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में तीन हजार रुपये के दो जुर्माने जमा करने के बाद जेल प्रशासन को रिहाई का आदेश ई-मेल के जरिए प्राप्त हुआ। हालांकि प्रक्रिया के दौरान रिलीज बॉन्ड में पते की त्रुटि के कारण कुछ देरी जरूर हुई, लेकिन जल्द ही सुधार कर लिया गया और रिहाई का रास्ता साफ हो गया। आजम खान जब जेल से बाहर आए तो मीडिया ने उनका बयान लेने की बहुत कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने वाहन को चारों ओर से घेर लिया, इसलिए आजम खान की कोई भी बात सुनने को नहीं मिली।

जेल के बाहर उमड़ी भीड़, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम:

रिहाई की खबर जैसे ही फैली, मंगलवार सुबह 5 बजे से ही समाजवादी पार्टी के विधायक अनिल वर्मा, छात्रसभा कार्यकर्ता और सैकड़ों समर्थक सीतापुर जेल के बाहर अपने नेता को देखने व उनके स्वागत में जुटने लगे। भीड़ को देखते हुए एएसपी उत्तरी आलोक सिंह की अगुवाई में शहर कोतवाली, रामकोट, खैराबाद, बिसवां और सकरन थानों से भारी पुलिस बल बुलाया गया। समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा आजम खां को रिसीव करने के लिए अपने काफिले के साथ जेल की ओर रवाना हुईं, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रास्ते में रोक दिया गया। वहीं आज़म के बेटे अदीब सुबह करीब 7ः15 बजे जेल पहुंचे, लेकिन मीडिया से बातचीत किए बिना करीब 15 मिनट बाद वहां से लौट गए।

अब क्या होगा आजम खां का अगला कदम?

आजम खां की रिहाई के बाद सियासी गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वह अब भी सपा के साथ बने रहेंगे या कोई नया सियासी रास्ता चुनेंगे। इस पर सांसद रुचि वीरा का कहना है कि हमारी अगली रणनीति आजम साहब के निर्देश पर तय होगी। अभी वो परिवार से मिलें, फिर कोई निर्णय लिया जाएगा। बसपा में जाने की अटकलों पर अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी। आजम खां की कानूनी मुश्किलों की सबसे बड़ी वजह 2013 का क्वालिटी बार प्रकरण रहा। आरोप है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने रामपुर के सिविल लाइंस स्थित एक बार की जमीन को अवैध रूप से अपनी पत्नी तांज़ीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म के नाम करा लिया। 2019 में एफआईआर दर्ज होने के बाद यह मामला लंबा खिंचा और 2024 में उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया। इस केस में भी उन्हें अंततः हाईकोर्ट से राहत मिली।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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