नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को शिरीष चंद्र मुर्मू को तीन साल के कार्यकाल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया। मुर्मू की नियुक्ति को केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दे दी है। यह नियुक्ति 9 अक्टूबर से प्रभावी होगी। वह वर्तमान में आरबीआई में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और पर्यवेक्षण विभाग का कार्यभार संभालते हैं। शिरीष चंद्र मुर्मू एम. राजेश्वर राव का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 8 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है।
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सरकार ने शिरीष चंद्र मुर्मू को तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। सूत्रों के अनुसार सोमवार को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मुर्मू की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। मुर्मू इस समय RBI के कार्यकारी निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वह राजेश्वर राव की जगह लेंगे। वर्तमान में वे बैंकिंग विनियमन और अन्य शाखाओं के डिप्टी गवर्नर के पदों के प्रभारी हैं। राव का कार्यकाल 8 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है।
Shish Chandra Murmu: एम. राजेश्वर राव का लेंगे स्थान:
दरअसल राव ने इस पद पर पांच साल पूरे कर लिए हैं। वह पहली बार 2020 में तीन साल के कार्यकाल के लिए डिप्टी गवर्नर बने थे और बाद में उन्हें 2023 और 2024 में एक-एक साल का दो बार सेवा विस्तार दिया गया। आरबीआई एक्ट 1934 के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते है। इनमें से दो आरबीआई के अधिकारी हैं, एक वाणिज्यिक बैंकिंग क्षेत्र से और एक अर्थशास्त्री जो मौद्रिक नीति विभाग की देखरेख करते हैं। RBI के डिप्टी गवर्नर को हर महीने 2.25 लाख की सैलरी मिलती है। इसके साथ ही उन्हें सरकारी सेवा के तहत मिलने वाले अन्य भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं।
कौन है शिरीष चंद्र मुर्मू:
शिरीष चंद्र मुर्मू वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक में कार्यकारी निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वे पर्यवेक्षण विभाग के लिए ज़िम्मेदार हैं। आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार, मुर्मू संगठन के भीतर प्रमुख प्रशासनिक कार्यों, नियामक नीतियों और अंतर-विभागीय समन्वय की देखरेख करते हैं। शासन, नियामक अनुपालन और आंतरिक प्रबंधन से संबंधित मामलों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उनकी कार्यशैली और अनुभव के कारण उन्हें आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में चुना गया है।
डॉ. उर्जित पटेल को दी गई थी बड़ी जिम्मेदारी:
इससे पहले पिछले महीने की शुरुआत में, सरकार ने पूर्व RBI गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल को तीन साल के कार्यकाल के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया। यह नियुक्ति कृष्णमूर्ति वी. सुब्रह्मण्यम की सेवाओं की अचानक समाप्ति के बाद हुई है, जिनका कार्यकाल लगभग छह महीने पहले ही समाप्त हो गया था। पटेल को भारत की मुद्रास्फीति-लक्ष्यित मौद्रिक नीति रूपरेखा तैयार करने में मदद करने का श्रेय दिया जाता है। उर्जित पटेल एक भारतीय अर्थशास्त्री हैं, जिनका जन्म केन्या में हुआ था। उन्होंने भारत की मुद्रास्फीति-लक्ष्यित मौद्रिक नीति के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह 30 से अधिक वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ काम कर रहे हैं।
नए डिप्टी गवर्नर कौन हैं?
आरबीआई ने शिरीष चंद्र मुर्मू को नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। इससे पहले वे केंद्रीय बैंक में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उनकी नियुक्ति 9 अक्टूबर से प्रभावी होगी और यह तीन साल की अवधि के लिए होगी। जानकारी के अनुसार आरबीआई के पास चार डिप्टी गवर्नर होते हैं। ये डिप्टी गवर्नर मॉनेट्री पॉलिसी, फाइनेंशियल मार्केट रेगुलेशन, बैंकिंग रेगुलेशन और सिस्टम के संचालन जैसे विभिन्न विभागों का नेतृत्व करते हैं। आरबीआई के नए डिप्टी गवर्नर इनमें से कौन सा विभाग संभालेंगे, इस बारे में अभी तक आधिकारिक विवरण नहीं आया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर का कार्य केंद्रीय वेबसाइट के अनुसार उच्च स्तरीय प्रशासनिक नियामक नीति-निर्माण और नियंत्रण से जुड़ा होता है।

आरबीआई अधिनियम 1934 के अनुसार, केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होने चाहिए। दो अपने ही ‘रैंक’ से, एक वाणिज्यिक बैंकिंग क्षेत्र से और एक अर्थशास्त्री जो मौद्रिक नीति विभाग का नेतृत्व करेगा। अन्य तीन डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर, स्वामीनाथन जे. और पूनम गुप्ता हैं।
गौरतलब है कि एम. राजेश्वर राव को पहली बार सितंबर 2020 में तीन साल की अवधि के लिए डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। 2023 में उन्हें एक साल का विस्तार मिला था। इसके बाद 2024 में एक और विस्तार मिला। इस प्रकार आठ अक्टूबर को राव के कार्यकाल के पांच वर्ष पूरे हो जाएंगे।
डिप्टी गवर्नर के पद पर शिरीष चंद्र मूर्मू को कितनी सैलरी मिलेगी?
आरबीआई में डिप्टी गवर्नर के रूप में प्रति माह लगभग 2.25 लाख रुपये वेतन के रूप में मिलते हैं। इसके अलावा इस पद से जुड़ी बहुत सारी सुविधाएं और भत्ते भी मिलते हैं, जैसे हाउस रेंट अलाउंस, डायरेक्टनेस अलाउंस (डियरनेस अलाउंस), स्पेशल अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस, सुरक्षा सुविधाएं और टेलिफोन-इंटरनेट अलाउंस, साथ ही मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध रहती है।
अन्य तीन डिप्टी गवर्नर-
टी. रबी शंकर:
टी. रबी शंकर ऑपरेशन और टेक ओरिएंटेड विभागों की एक विस्तृत चेन देखते हैं। उनकी ज़िम्मेदारियों में भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, फिनटेक विभाग, विदेशी मुद्रा विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी और केंद्रीय सुरक्षा प्रकोष्ठ शामिल हैं। वे सरकार से संबंधित खातों और बाहरी निवेश कार्यों की भी देखरेख करते हैं, जो डिजिटल प्रणालियों को आगे बढ़ाने और सीमा पार वित्तीय संचालन के प्रबंधन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
स्वामीनाथन जानकीरमन:
जानकीरमन मुख्य रूप से पर्यवेक्षी और उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्रों के लिए जिम्मेदार हैं। वे पर्यवेक्षण विभाग, उपभोक्ता शिक्षा एवं संरक्षण विभाग और जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम के प्रमुख हैं। उनका कार्यभार वित्तीय समावेशन, निरीक्षण, राजभाषा और परिसर विभागों तक भी फैला हुआ है, जो निगरानी और ग्राहक-केंद्रित बैंकिंग कार्यों में उनकी गहरी भागीदारी को दर्शाता है।
पूनम गुप्ता:
पूनम गुप्ता व्यापक आर्थिक नीति और रणनीतिक संचार का कार्यभार संभालती हैं। वे मौद्रिक नीति विभाग, आर्थिक एवं नीति अनुसंधान विभाग, वित्तीय स्थिरता विभाग और अंतर्राष्ट्रीय विभाग का नेतृत्व करती हैं। इसके अतिरिक्त, वह संचार और कॉर्पोरेट रणनीति एवं बजट विभाग का प्रबंधन भी करती हैं, जो उन्हें आरबीआई की नीति नियोजन, विश्लेषण और आउटरीच के केंद्र में रखता है।