तमिलनाडु। टीवीके नेता और अभिनेता थलपति विजय (Thalapathy Vijay) ने शनिवार को तमिलनाडु के करूर जिले में एक रैली (Karur Stampede) की। रैली में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 41 पहुंच गई है। रविवार को एक 65 वर्षीय महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों में 18 महिलाएं, 13 पुरुष और 10 बच्चे शामिल हैं। 95 लोग घायल हैं, जिनमें से 51 आईसीयू में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।
इसे भी पढ़ें-Karur Stampede: मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजे की घोषणा, भगदड़ के बाद विजय ने दिया बयान
विजय के घर को बम से उड़ाने की धमकी:
उधर अभिनेता-राजनेता विजय (Vijay) ने शनिवार की भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और पीड़ितों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया है। इस चेन्नई शहर के नीलांकरई इलाके में टीवीके पार्टी अध्यक्ष और अभिनेता विजय के घर पर बम की धमकी मिली है। विजय को धमकी भरे ईमेल भेजे गए थे। जिसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और सुरक्षा बलों की एक टीम ने धमकी भरे ईमेल मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई की।
Karur Stampede: घंटों जांच के बाद नहीं मिली संदिग्ध वस्तु-
बम निरोधक विशेषज्ञों की एक टीम बुलाई गई और खोजी कुत्तों की मदद से विजय के घर की गहन तलाशी शुरू की गई। पूरे परिसर और आसपास के इलाके की गहन जांच की गई। पुलिस ने जांच और जन सुरक्षा में कोई बाधा न आए, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी भी कर दी। इलाके के निवासियों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई।
सुरक्षा बलों का अभियान कई घंटों तक चला। हालांकि जांच के बाद कोई संदिग्ध या खतरनाक वस्तु नहीं मिली। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि धमकी भरा ईमेल महज एक अफवाह थी, जिसका उद्देश्य दहशत फैलाना था। धमकी भरा ईमेल भेजने वाले व्यक्ति की पहचान और कारण अभी तक सामने नहीं आया है। पुलिस साइबर सेल की मदद से अपराधियों को पकड़ने के लिए जांच में जुटी है।
शनिवार को मची थी भगदड़:
गौरतलब है कि शनिवार को तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता और तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के अध्यक्ष विजय की चुनावी रैली के दौरान मची भगदड़ (Karur Stampede) में अब तक 41 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। जिनमें से 51 आईसीयू में है।
घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने बम निरोधक टीम, खोजी कुत्तों और बम खोजने वाली मशीनों को मौके पर बुलाया। शुरुआती कदम के तौर पर विजय के क्षेत्र के आस-पास के इलाकों को घेरकर सुरक्षा चक्र स्थापित किया गया और आम नागरिकों के प्रवेश पर पाबन्दी लगा दी गई। इसके बाद क्षेत्र की व्यापक तलाशी का क्रम शुरू हुआ। इसी क्रम में श्रीलंका और ब्रिटिश दूतावासों तक भी सुरक्षा बढ़ाकर घेराबंदी की गई और वहां गहन खोज – निरीक्षण कराया गया। कई घंटों चली जाँच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि दूतावासों में कोई बम नहीं था। पुलिस ने इसे एक निराधार धमकी, यानी बम की झूठी धमकी, बताया।
इस घटना ने तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। करूर में हुई भारी जनहानि के बाद विजय की सुरक्षा की कड़ी आलोचना हुई थी। यह धमकी ऐसे समय में आई है जब थावेका नेता की सुरक्षा व्यवस्था की फिर से समीक्षा करने की ज़रूरत है। पुलिस अब यह पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है कि धमकी भरे कॉल किसने किए?

करूर रैली में भगदड़ की घटना के बाद विजय के शीर्ष सहयोगियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है। इस बीच, पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) ने इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। TVK का कहना है कि घटना के पीछे एक गहरी साज़िश हो सकती है। राज्य द्वारा नियुक्त न्यायिक आयोग ने भी इस घटना की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने TVK नेताओं मथियाझागन, बुस्सी आनंद और सीटी निर्मल कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत गैर-इरादतन हत्या का प्रयास, गैर-इरादतन हत्या, जीवन को खतरे में डालने वाले काम, कानूनी आदेशों की अवहेलना और तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति क्षति (ध्वस्ती) अधिनियम के उल्लंघन के मामले दर्ज किए हैं। TVK ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस भगदड़ की सीबीआई जांच की मांग की है। पार्टी ने यह भी दावा किया कि अचानक बिजली गुल होना और पथराव जैसी घटनाओं के कारण भगदड़ मची। इस मामले में आज हैरई कोर्ट में सुनवाई होगी। वहीं भाजपा के नेता अन्नामलाई ने भी पुलिस व प्रशासन की चुक को याद दिलाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। इस घटना में कुल 40 लोगों की मौत हुई है जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं। विजय ने मृतकों के प्रत्येक परिवार को 20-20 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने बम निरोधक टीम, खोजी कुत्तों और बम खोजने वाली मशीनों को मौके पर बुलाया। शुरुआती कदम के तौर पर विजय के क्षेत्र के आस-पास के इलाकों को घेरकर सुरक्षा चक्र स्थापित किया गया और आम नागरिकों के प्रवेश पर पाबन्दी लगा दी गई। इसके बाद क्षेत्र की व्यापक तलाशी का क्रम शुरू हुआ। इसी क्रम में श्रीलंका और ब्रिटिश दूतावासों तक भी सुरक्षा बढ़ाकर घेराबंदी की गई और वहां गहन खोज – निरीक्षण कराया गया। कई घंटों चली जाँच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि दूतावासों में कोई बम नहीं था। पुलिस ने इसे एक निराधार धमकी, यानी बम की झूठी धमकी, बताया।
विजय की पार्टी पर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए तमिलनाडु पुलिस ने कहा कि लाठीचार्ज या पत्थरबाजी जैसी घटनाएं नहीं हुईं। उनका कहना है कि करूर रैली के दौरान पार्टी नेतृत्व ने आधिकारिक निर्देशों की अवहेलना की। करूर की घटना के बारे में पुलिस ने बताया कि विजय के प्रवेश करते ही भीड़ बेकाबू हो गई और उसी वक्त विजय को देखने के लिए एक साथ भीड़ अग्रसर हो गई। इसके परिणामस्वरूप वहां मौजूद युवाओं और अन्य लोगों को नियंत्रित रखना मुश्किल हो गया। इस हादसे की एक स्वतंत्र जांच के लिए राज्य की डीएमके सरकार ने न्यायमूर्ति अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की है। आयोग ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना में मारे गए लोगों में दस बच्चे, 17 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों के अनुसार रैली की निर्धारित सीमा 10,000 से कहीं ज्यादा भीड़ हो जाने के कारण भगदड़ और बढ़ गई। पूरा प्रकरण सामने आने के बीच यह भी खबर आई कि विजय के घर को उड़ाने की धमकी मिली है। फिर भी घटना और लोगों के प्रतिक्रिया को देखते हुए विजय के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।