सीतापुर। रामपुर कोर्ट में 23 महीने से जेल में बंद समाजवादी पार्टी नेता आज़म खान (Azam Khan) की रिहाई के लिये आज सुबह जुर्माना अदा हुआ। कोर्ट से सीतापुर जेल को ईमेल भेजा गया। जुर्माने की पर्ची तस्दीक करने के लिए जेल में अधिकारी पहुंचे। इसके बाद आजम खान की रिहाई प्रक्रिया शुरू हुयी। उधर आजम खान को लेने रामपुर से सीतापुर जेल पहुंचे सपा कार्यकर्ताओं की 25 गाड़ियों के चालान पुलिस ने काट दिए।
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पुलिस के अनुसार- ये सभी गाड़ियां नो पार्किंग एरिया में खड़ी थीं। पुलिस धारा-144 का हवाला देकर जेल के आसपास खड़े लोगों को हटा रही है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर फरीद अहमद ने 25 गाड़ियों पर 73500 रुपये का चालान किया है। आजम खान की अस्थाई रिहाई का मार्ग साफ नजर आने लगा है। मीडिया सूत्रों के अनुसार रामपुर न्यायालय के खुलते ही बकायेदारी के 3-3 हजार रुपये के चालान जमा कर दिए गए हैं। इसके पश्चात सीतापुर जेल को कोर्ट से आधिकारिक ई-मेल भेजी जाएगी, जिसके मिलते ही सीतापुर जेल से आजम खान की रिहाई की प्रक्रिया शुरू मानी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि दो से तीन घंटे के भीतर आजम खान जेल से बाहर आ सकते हैं। इस बीच मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा भी सीतापुर पहुँच चुकी हैं और जेल के पास बने एक रेस्टोरेंट में ठहरी हैं। रुचि वीरा को आजम खान का करीबी माना जाता है। लोकसभा चुनाव के बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि आजम खान के कारण ही उन्हें सपा का टिकट मिला था।

फिलहाल उत्तर प्रदेश की सियासत का ऊंट किस करवट बैठेगा इस पर एक बार फिर अटकलें तेज हो गईं हैं। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से पूर्व विधायक आजम खां की सीतापुर जेल से रिहाई की तैयारी जोरशोर से चल रही है। सवाल उठ रहा है कि क्या आज़म खां जेल की रिहाई के बाद अगला राजनीतिक पड़ाव बहुजन समाज पार्टी हो सकता है?
इस चर्चा को बल तब मिला, जब मीडिया में यह खबर आई कि आजम खां की पत्नी और पूर्व सांसद डॉ. ताजीन फात्मा ने हाल ही में दिल्ली में बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की। इस मुलाकात ने राजनीतिक विश्लेषकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आजम अब सपा से किनारा करने की सोच सकते हैं।
रिश्तों में आई तल्खी की वजह क्या है?
सपा और आजम खां के बीच दूरी महज अनुमान नहीं है। ऐसी अटकले हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी। आजम खां ने अखिलेश यादव से रामपुर से खुद चुनाव लड़ने या उनकी पसंदीदा प्रत्याशी को टिकट देने की मांग की थी। लेकिन अखिलेश ने न केवल इन सिफारिशों को ठुकराया, बल्कि मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी को टिकट दे दिया। इसके बाद रामपुर के कई सपा नेताओं ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया, जिससे यह दरार और गहरी हो गई।
Azam Khan Release और नए समीकरण:
18 सितंबर को हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद आजम खां की रिहाई की संभावनाएं तेज हो गई हैं। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक अनुमान लगा रहे हैं कि आजम खां किसी नए मंच की तलाश में हैं। मायावती और ताजीन फात्मा की कथित मुलाकात को इसी संदर्भ में देखा भी जा रहा है। हालांकि, आजम खां के करीबी इन मुलाकातों की खबर को महज अफवाह बताते हैं और दावा करते हैं कि ताजीन फात्मा कई महीनों से दिल्ली गई ही नहीं हैं।
Azam Khan Release : छलित-मुस्लिम गठजोड़ की संभावनाएं–
कुछ महीने पहले आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने सीतापुर जेल में आजम खां से मुलाकात की थी। तभी से इस मुलाकात को दलित-मुस्लिम गठजोड़ के तौर पर भी देखा जा रहा है। ऐसे में आजम खां का अगला सियासी कदम यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।
Azam Khan Release : कहीं नहीं जाएंगे आज़म खां, सपा नेताओं का दावा:
हालांकि, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अब भी मानते हैं कि आजम खां कहीं नहीं जाएंगे। उनका कहना है कि सपा ही उनके राजनीतिक तेवर और सोच के अनुकूल है। वहीं, पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि आजम सपा के संस्थापक सदस्यों में से हैं और उनका किसी और दल में जाना असंभव है।
कुछ अटकलें यह भी हैं कि आजम खान समाजवादी पार्टी (सपा) और अखिलेश यादव की बेरुखी से नाराज होकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि 9 अक्टूबर को लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती एक बड़ा सम्मेलन आयोजित कर रही हैं, और उसी दिन आजम खान के बसपा में शामिल होने की संभावना है। हालांकि, इस बारे में अभी आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई है।
Azam Khan Release : मुकदमों का लंबा सिलसिला
सीतापुर जेल में बंद आजम खां के खिलाफ कुल 96 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 12 मामलों का फैसला हो चुका है। इनमें पांच में उन्हें सज़ा सुनाई गई, जबकि सात में बरी किया गया। अभी भी 78 से अधिक मुकदमे अदालतों में लंबित हैं। खासकर दो जन्म प्रमाण पत्र मामलों में उन्हें दोषी ठहराया गया था, जिसके चलते वह अक्टूबर 2023 से जेल में हैं। उनके साथ उनकी पत्नी और बेटा भी कुछ समय के लिए जेल गए थे।
क्या था मामला?
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रामपुर जिले के एक आपराधिक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को 18 सितंबर को जमानत दे दी है। मामला ‘क्वालिटी बार’ को कथित तौर पर हड़पने से संबद्ध है। 2019 में राजस्व निरीक्षक अंगराज सिंह ने सैयद जाफर अली जाफरी, आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा, उनके बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ बार हड़पने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उस समय आजम खान को इस प्राथमिकी में नामजद नहीं किया गया था। पांच साल बाद इस मामले की पुनः जांच की गई और अब आजम खान को इस मामले में आरोपी माना गया है। उल्लेखनीय है कि ‘क्वालिटी बार’ रामपुर सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के अंतर्गत राजमार्ग पर सैद नगर के हरदोई पट्टी में स्थित है।