Ramleela Controversy: नवरात्रि में 9 दिन का व्रत रखेगी पूनम पांडे, मंदोदरी के किरदार को लेकर दिया बड़ा बयान

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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एंटरटेनमेंट डेस्क। दिल्ली के लाल किला मैदान में आयोजित होने वाली विश्व प्रसिद्ध लव कुश रामलीला (Ramleela Controversy) में पूनम पांडे को मंदोदरी का किरदार निभाने का मौका मिला है, लेकिन उनका चयन विवादों में घिर गया है। पूनम पांडे के बॉलीवुड करियर में कई बोल्ड और विवादास्पद भूमिका रही हैं, जिसके कारण कुछ धार्मिक संगठनों ने उनका चयन आपत्तिजनक करार दिया है। हालाँकि, रामलीला कमेटी ने इस विरोध को नजरअंदाज करते हुए पूनम पांडे को मंदोदरी के रूप में लाने का निर्णय लिया है।

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दिल्ली के लाल किला मैदान में होने वाली लव-कुश रामलीला के कलाकारों में पूनम पांडे को शामिल किए जाने के मौके पर विरोध हो रहा है। हालांकि समिति ने विरोध को दरकिनार कर अपना निर्णय बनाए रखा है। इसी बीच समिति ने पूनम पांडे का एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि वह मंदोदरी की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं और इसके लिए उन्होंने जो संकल्प लिया है उसकी झलक दी है। इस वीडियो क्लिप में पूनम पांडे कहती हैं, “दिल्ली के लाल किला में विश्व प्रसिद्ध लव-कुश रामलीला में मुझे मंदोदरी की भूमिका निभाने का अवसर मिला है। मैं इसके लिए बहुत उत्साहित और खुश हूं। मंदोदरी एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है और वह रावण की पत्नी थीं। मैं इस खूबसूरत किरदार को निभाने के लिए बेहद उत्सुक हूं।”

पूनम ने तोड़ी चुप्पी, वीडियो जारी कर बोला “जय श्री राम”:

पूनम पांडे ने इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने किरदार के बारे में जानकारी दी। वीडियो में पूनम ने कहा कि दिल्ली के लाल किला में होने वाली लव कुश रामलीला में मंदोदरी का किरदार निभाने का अवसर मिला है। मैं इसके लिए बहुत उत्साहित हूं। मंदोदरी रावण की पत्नी थीं और इस किरदार को निभाना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान है। इसके बाद उन्होंने कहा कि वह इस भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। उन्होंने नवरात्रि के अवसर पर एक विशेष संकल्प लिया है, जिसमें उन्होंने बताया कि वह नौ दिनों तक उपवास रखेंगी ताकि उनका तन और मन शुद्ध हो सके। वीडियो के अंत में उन्होंने कहा कि जय श्री राम और अपने भक्तों से आशीर्वाद की प्रार्थना की।

धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने दी बधाई:

पूनम पांडे के इस बयान के बाद कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने उन्हें बधाई दी, जबकि कुछ ने उनकी भूमिका को लेकर आपत्ति जताई। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने भी इस निर्णय का विरोध किया था, लेकिन रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने स्पष्ट किया कि पूनम पांडे को ही मंदोदरी का किरदार निभाने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, “यह सही है कि सभी लोग एक जैसी सोच नहीं रखते, लेकिन हमारी सोच यह है कि पूनम पांडे इस पवित्र मंच पर आएंगी, तो इससे उनका जीवन और विचार सकारात्मक दिशा में बदलेंगे।

रावण का किरदार निभाएंगे आर्य बब्बर राणा:

इस बार की लव कुश रामलीला में कुछ अन्य प्रसिद्ध कलाकारों को भी जगह दी गई है। बॉलीवुड अभिनेता आर्य बब्बर रावण का किरदार निभाएंगे, जबकि किंशुक वैद्य राम और रिनी आर्य सीता की भूमिका में नजर आएंगे। इसके अलावा, भाजपा सांसद मनोज तिवारी परशुराम के रूप में दिखाई देंगे। यह रामलीला 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक चलेगी, और दर्शकों को धार्मिकता और भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराएगी। पूनम पांडे के रामलीला में मंदोदरी का किरदार निभाने से यह साफ है कि फिल्मों और धार्मिक मंचों के बीच की सीमाएं और परिभाषाएं अब और भी धुंधली हो रही हैं। क्या यह एक सकारात्मक बदलाव होगा, या फिर यह विवादों को बढ़ावा देगा, यह भविष्य में देखा जाएगा। बता दें कि पिछले सप्ताह की शुरुआत में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने रामलीला में पूनम पांडे को लिए जाने पर आपत्ति जताई थी। वहीं, रविवार को रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने भी स्पष्ट कर दिया था कि पूनम पांडे ही मंदोदरी का किरदार निभाएंगी ।

इसलिए खड़ा हुआ विवाद?

आपको बता दें कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने अपने पिछले विवादों का हवाला देते हुए दिल्ली की राम लीला में पूनम पांडे के मंदोदरी के किरदार निभाने पर आपत्ति जताई है। संगठन ने 2011 के उनके स्टंट, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अगर भारत एकदिवसीय विश्व कप जीतेगा तो वे अपने कपड़े उतार देंगी और 2024 में उनकी मौत की झूठी घोषणा जैसी घटनाओं का हवाला देते हुए तर्क दिया कि इन घटनाओं से उनकी सार्वजनिक छवि प्रभावित होती है।

रिपोर्टों के अनुसार, VHP ने कहा कि रामायण पर आधारित प्रदर्शनों के लिए चयनित कलाकारों में न केवल अभिनय क्षमता, बल्कि सांस्कृतिक संवेदनशीलता को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए ताकि भक्तों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। बता दें कि लाल किले पर 22 सितंबर से शुरू हो रही रामलीला में कई जाने-माने चेहरे शामिल हो रहे हैं। इनमें आर्य बब्बर रावण की भूमिका निभाएंगे, किंशुक वैद्य राम की भूमिका निभाएंगे, रिनी आर्य सीता की भूमिका निभाएंगी और भाजपा सांसद मनोज तिवारी परशुराम की भूमिका निभाते दिखेंगे।

रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने इस मामले पर कहा था, “स्वाभाविक है कि हर किसी की सोच एक जैसी नहीं हो सकती। कुछ लोग पूनम पांडे के चयन के विरोध में हैं, तो कुछ उसका समर्थन कर रहे हैं। हर व्यक्ति की अपनी अलग सोच हो सकती है। हमारा मानना है कि भले ही किसी ने अतीत में कुछ बोल्ड दृश्यों दिए हों, लेकिन जब वह प्रभु राम के इस मर्यादित मंच पर मंदोदरी जैसे पवित्र किरदार में प्रवेश करेंगी। जो रावण को अच्छाई का रास्ता दिखाने की कोशिश करती हैं तो निश्चित रूप से इससे उनके मन और विचारों में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। हमारा मानना है कि पूनम पांडे का यह किरदार उनके जीवन को धार्मिक और मर्यादित दिशा में आगे बढ़ाएगा।”

बता दें लव कुश रामलीला 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक आयोजित की जाएगी। इस बार रावण के किरदार को बॉलीवुड अभिनेता आर्य बब्बर निभाकर प्रस्तुत करेंगे। राम की भूमिका में किंशुक वैद्य, सीता की भूमिका में रिनी आर्य और परशुराम की भूमिका में भाजपा सांसद मनोज तिवारी नजर आएंगे।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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