ब्रिटेन। ब्रिटेन में प्रवासन (इमिग्रेशन) के खिलाफ आंदोलन (London Protest) लगातार तेज हो रहा है। लंदन की सड़कों पर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन की अगुवाई में लाखों लोग उतर आए। रैली के बीच अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने भी एक विवादित बयान देकर माहौल और गरमा दिया।
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मस्क ने कहा कि ब्रिटेन में अब सत्ता परिवर्तन आवश्यक है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा, “आपके पास सिर्फ दो रास्ते हैं—लड़ो या मर जाओ।” मस्क ने दावा किया कि बड़े पैमाने पर प्रवासन ने ब्रिटेन को संकट में डाल दिया है और आने वाले समय में यह देश के विनाश का कारण बन सकता है। उन्होंने आगे कहा, “हिंसा की आग आप तक जरूर पहुंचेगी।इसे रोकने का कोई उपाय नहीं है। इसलिए लड़ने के लिए तैयार रहना ही एकमात्र रास्ता है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार को तुरंत हटाना चाहिए। संसद भंग होनी चाहिए और नए चुनाव कराए जाने चाहिए।”

ब्रिटेन के मध्यमार्गी विपक्षी दल लिबरल डेमोक्रेट्स के नेता एड डेवी ने सोशल मीडिया पर एलन मस्क और हालिया हिंसक घटनाओं की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि वे अति- दक्षिणपंथी गुट ब्रिटेन की आवाज नहीं हैं और ऐसी हरकतें ब्रिटेन की परंपरा से मेल नहीं खातीं। इस मार्च के मौसम को लेकर पुलिस ने बताया कि रैली के बाहरी हिस्सों में घंटों तक तनावपूर्ण माहौल बना रहा और भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास जारी रहे। इसी के कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी देखने को मिलीं। इस घटनाक्रम में 26 अधिकारी घायल हुए, जिनमें से चार की हालत गंभीर है। रैली के दौरान भीड़ में कई लोग अंग्रेज़ी और ब्रिटिश झंडों में लिपटे हुए थे।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि यूनाइट द किंगडम रैली के दौरान पुलिस अधिकारियों पर घूंसे, लातें और लोगों द्वारा फेंकी गई बोतलों से हमला किया गया। ड्यूटी पर तैनात 1,000 से अधिक पुलिस बल की सहायता के लिए हेलमेट और दंगारोधी ढालों के साथ अतिरिक्त बलDeploy किया गया था। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने “हमें अपना देश वापस चाहिए” जैसे नारे लगाए। कई जगह पुलिस और भीड़ के बीच झड़प की भी खबरें सामने आईं। रॉबिन्सन, जो इंग्लिश डिफेंस लीग (EDL) से जुड़े रहे हैं, ब्रिटेन में प्रवासन के खिलाफ मुखर आवाज माने जाते हैं। उनकी अगुवाई वाली इस रैली को कुछ लोगों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का आह्वान बताया, लेकिन असल मुद्दा इमिग्रेशन ही रहा।