लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी (Lucknow) थाना क्षेत्र में गुरुवार देर रात कैसरबाग डिपो की एक रोडवेज बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में बस में सवार पाँच यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 19 लोग घायल हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आठ घायलों का केजीएमसी ट्रॉमा सेंटर और एक का बलरामपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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मिली जानकारी के अनुसार, कैसरबाग डिपो की रोडवेज बस (UP 78 LN 1340) हरदोई से यात्रियों को लेकर लखनऊ आ रही थी। गुरुवार रात टिकैतगंज के बीटा नाला पुल के पास यह अनियंत्रित होकर खाई में पलट गई। बताया जा रहा है कि सड़क किनारे खड़े एक टैंकर को बचाने के चक्कर में बस चार-पांच बाइक सवारों को टक्कर मारते हुए गहरी खाई में जा गिरी। हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई। हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में यात्री घायल हैं। घायलों को लखनऊ ट्रामा सेंटर और बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना की सूचना मिलने पर मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब, लखनऊ पुलिस आयुक्त अमरेंद्र कुमार सेंगर, जिलाधिकारी विशाख जी समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुँचे और घायलों का हालचाल जाना। इस दौरान जिलाधिकारी विशाख जी ने डॉक्टरों को मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि रोडवेज बस हरदोई से लखनऊ आ रही थी। एक राहगीर को बचाने के चक्कर में बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है और 19 लोग घायल हुए हैं। मृतकों की पहचान पीलीभीत जिले के बाबूराम,बदायूं के संजीव, मथुरा के नरदेव और लखनऊ के काकोरी निवासी दिलशाद के रूप में हुई है। एक अज्ञात व्यक्ति की पहचान की जा रही है। जबकि हादसे में कई लोग घायल हुए जिनकी पहचान हो गई है।
ये थी वजह:
बस-हादसे का कारण लोगों ने तेज गति, सड़क पर अंधेरा और वहां मौजूद ट्रैक्टर-टैंकर को माना है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के वक्त बस की रफ्तार 80 से 90 किमी प्रति घंटे के आसपास थी। गांव के निवासी ने बताया कि घटनास्थल पर ट्रैक्टर-टैंकर सड़क किनारे लगे पौधों में पानी डाल रहा था, जबकि कुछ मजदूर काम कर रहे थे. पास में दो बाइक सवार भी खड़े थे। उसी समय हरदोई की तरफ से कैसरबाग डिपो की बस तेज गति से आई और सभी चीजों को रौंदते हुए लगभग आठ बार लुढ़क कर खाई में गिर पड़ी। अंधेरा रहने के कारण बस चालक सड़क किनारे खड़े ट्रैक्टर-टैंकर को नहीं देख पाया।