वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ (EU) पर और टैरिफ (Trump tarrif) लगाने की धमकी दी है, यह बयान तब आया जब यूरोपीय संघ ने गूगल पर 2.95 अरब यूरो का जुर्माना लगाया, जो कि अमेरिकी मुद्रा में करीब 3.47 अरब डॉलर है। दरअसल गूगल ने प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन किया जिसकी वजह से यह जुर्माना लगाया गया है। यूरोपीय संघ के इस फैसले के बाद, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर यूरोपीय संघ की आलोचना की और कहा कि यह अमेरिकी कंपनियों के लिए भेदभावपूर्ण कार्रवाई है।
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ट्रंप ने कहा कि यह जुर्माना असल में अमेरिका के विकास और रोजगार के लिए होने वाली निवेश राशि को छीनने जैसा है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर यूरोपीय संघ अमेरिकी कंपनियों पर इस तरह के जुर्माने जारी रखता है, तो उनकी सरकार ‘धारा 301’ के तहत कार्रवाई करने को मजबूर होगी। यह धारा अमेरिकी सरकार को विदेशी व्यापारिक नीतियों पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति देती है।

गूगल पर यह जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि उसने अपने विज्ञापन प्लेटफॉर्म को इस प्रकार से संचालित किया कि इससे बाजार में अन्य कंपनियों को नुकसान हुआ। यूरोपीय संघ के प्रतिस्पर्धा नियामक टेरेसा रिबेरा ने कहा कि गूगल ने अपनी मजबूत स्थिति का गलत इस्तेमाल किया, जिससे प्रकाशकों, विज्ञापनदाताओं और उपभोक्ताओं को नुकसान हुआ। यह यूरोपीय संघ द्वारा गूगल पर लगाया गया चौथा बड़ा जुर्माना है। गूगल ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया है, और यह मुद्दा यूरोपीय संघ और ट्रंप प्रशासन के बीच व्यापार वार्ताओं में हमेशा से उभरता रहा है। ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि गूगल पहले ही 13 अरब डॉलर का जुर्माना चुका चुका है, और अब यह कुल राशि 16.5 अरब डॉलर हो गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति की आलोचना के बावजूद, यूरोपीय संघ ने अपने फैसले को सही ठहराया और गूगल को अपने विज्ञापन कारोबार में प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना देने का आदेश दिया। हालांकि, यह फैसला यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ा सकता है, क्योंकि कुछ यूरोपीय नेता इस मुद्दे पर विरोध व्यक्त कर चुके हैं।