mental health: अपने दिमाग को बनाना चाहते हैं तेज, तो इन सुपरफूड्स का करें सेवन

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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हेल्थ डेस्क। हम सब आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां तनाव, चिंता और अवसाद आम होते जा रहे हैं, वहीं मानसिक स्वास्थ्य (mental health) को बनाए रखने के लिए केवल दवाओं पर निर्भर रहना जरूरी नहीं है। खान-पान विशेषज्ञों के अनुसार, हमारा आहार हमारी मानसिक स्थिति को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। ऐसे में कुछ विशेष खाद्य पदार्थ जैसे अखरोट, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलियां हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।

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-भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, अखरोट को ब्रेन फूड कहा जाता है और यह उपाधि इसे यूं ही नहीं दी गई है। अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को मजबूत करता है और उनके कार्य को बेहतर बनाता है। रिसर्च से यह भी साबित हुआ है कि रोजाना मुट्ठी भर अखरोट खाते हैं तो इससे तनाव कम होने के साथ ही मूड बेहतर होगा।

-सब्जियों में ब्रोकली, जो देखने में एक साधारण सब्जी लगती है, लेकिन यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद असरदार है। इसमें फोलिक एसिड या विटामिन बी9 होता है, जिसकी कमी अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं से जुड़ी हुई है। ब्रोकली मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे “फील गुड” न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण में मदद करता है, जिससे मूड बेहतर बना रहता है। इसे सलाद, सूप या सब्जी के रूप में डाइट में शामिल किया जा सकता है।

-हमें अपने खाने में हरी-पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए। ये हर सीजन में उपलब्ध होती हैं। पालक, मेथी और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां मानसिक शांति बनाए रखने में सहायक मानी जाती हैं। इनमें मैग्नीशियम काफी मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें फोलेट और ओमेगा-3 जैसे फैटी एसिड होते हैं, जो मस्तिष्क के फंक्शन्स को बेहतर बनाये रखने का काम करते हैं। ये ऐसे तत्व हैं जो तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करते हैं और इससे व्यक्ति मानसिक रूप से शांत महसूस करता है।

-हमारे रोजमर्रा के खान-पान में पोषक तत्वों का समावेश बहुत जरूरी होता है। राजमा, चना, मसूर और अन्य फलियां फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती हैं। ये शरीर में ग्लूकोज के स्तर को स्थिर बनाए रखती हैं, जिससे मूड स्विंग की संभावना कम होती है। इसके अलावा, इनमें मौजूद ट्रिप्टोफैन सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ाता है, जो एक प्राकृतिक मूड बूस्टर है।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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