नई GST दरें जल्द होंगी लागू, मिठाई-कपड़ों समेत जानें क्या-क्या होगा सस्ता?

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार एक बार फिर GST प्रणाली में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। इस बार केंद्र सरकार सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं को देना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को लालकिले से दिए गए जीएसटी सुधार के संकेत के बाद, अब इन प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

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रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार टेक्सटाइल और फूड प्रोडक्ट्स जैसे रोजमर्रा के सामानों को 5 फीसदी के निचले जीएसटी स्लैब में लाने के बारे में सोच रही है, जिससे ब्रांडेड मिठाई, कपड़े और अन्य जरूरी सामान सस्ते हो सकते हैं। यह कदम जनता के ऊपर से कर का बोझ कम करने के लिए उठाया जा रहा है। वर्तमान में, ब्रांडेड और पैकेज्ड मिठाइयों पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है, जबकि कपड़े 5 फीसदी से 12 फीसदी के स्लैब में आते हैं। इन दरों को तर्कसंगत बनाने से त्योहारों के इस मौसम में ग्राहकों को बड़ी राहत मिल सकती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 3 और 4 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक होने वाली है। इस बैठक में 12 फीसदी और 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब को खत्म कर 5 फीसदी और 18 फीसदी के दोहरे स्लैब को लागू करने के प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा, सीमेंट पर जीएसटी को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने की भी योजना है, जो कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की लंबे समय से मांग रही है।

केवल सामान ही नहीं, सेवाओं पर भी टैक्स कम करने की योजना है। सैलून और ब्यूटी पार्लर जैसी कुछ जनउपभोगी सेवाओं पर भी जीएसटी दरों को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे ये सेवाएं आम आदमी की पहुंच में आ सकें। सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार का लक्ष्य दशहरा और दिवाली के त्योहारों से पहले इन जीएसटी दरों में कटौती को लागू करना है। इस साल दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी, और अगर यह फैसला लागू होता है, तो यह देशवासियों के लिए सरकार की तरफ से एक बड़ा तोहफा साबित होगा।

हालांकि, जीएसटी की नई संरचना से केंद्र और राज्य सरकारों के राजस्व पर करीब 40,000 करोड़ रुपये का असर पड़ने की संभावना है। इस नुकसान के बावजूद, सरकार का मानना है कि इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार का जिक्र किया था, जिसे आम आदमी के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में क्या बड़े फैसले लिए जाते हैं और ये बदलाव कब तक लागू हो पाते हैं।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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