मुंबई। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती के संकेतों से वैश्विक बाजारों में उत्साह बढ़ा है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) पर भी पड़ा। सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक हरे निशान पर खुले। इस दौरान सेंसेक्स में 251.41 अंकों की बढ़त देखी गई। वहीं निफ्टी 50 ने भी 71 अंक की वृद्धि दिखाते हुए 24,941 पर कारोबार किया।
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भारतीय शेयर बाजार में बढ़ोतरी में सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी आई ही है इसके साथ ही आईटी शेयरों में भी बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.77 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, जबकि निफ्टी मेटल इंडेक्स में 0.88 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अन्य अधिकांश सेक्टर्स में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस उभरती हुई स्थिति में, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, टीसीएस, बजाज फाइनेंस, हिंदाल्को, और एनटीपीसी जैसी कंपनियां निफ्टी के टॉप गेनर्स के रूप में उभरीं। वहीं आईसीआईसीआई बैंक, अपोलो हॉस्पिटल और मारुति सुजुकी टॉप लूजर रहे।

विश्लेषकों ने जानकारी देते हुए बताया कि निफ्टी तकनीकी रूप से 24,840 के अल्पकालिक समर्थन स्तर के आसपास बना हुआ है। चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग की अमृता शिंदे ने कहा कि अगर निफ्टी 24,840 से नीचे जाता है तो यह गिरते हुए 24,650 तक पहुंच सकता है। अमेरिकी बाजारों ने पिछले सप्ताह जैक्सन होल में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन पॉवेल के बयान के बाद अच्छी बढ़त दर्ज की थी।
पॉवेल ने संकेत दिए थे कि अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती संभव हो सकती है। इस खबर से निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा और भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश को लेकर सकारात्मक भावनाएं देखने को मिलीं। एशिया-प्रशांत बाजारों में भी सोमवार को सकारात्मक रुझान था। चीन का शंघाई सूचकांक 0.59 प्रतिशत, जापान का निक्केई 0.68 प्रतिशत और हांगकांग का हैंग सेंग 1.93 प्रतिशत बढ़ा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.89 प्रतिशत चढ़ा। हालांकि, 22 अगस्त को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयरों में 1,622.52 करोड़ रुपये की बिकवाली की, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 329.25 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।