अहमदाबाद। PM नरेंद्र मोदी आज सोमवार से दो दिवसीय गुजरात दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे 5,400 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात देकर राज्य में बुनियादी ढ़ांचा और विकास परियोजनाओं को गति देंगे। ये पहल शहरी विकास, ऊर्जा, परिवहन और हरित गतिशीलता सहित प्रमुख क्षेत्रों में फैली हुई हैं, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के विजन को आगे बढ़ाती हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को अहमदाबाद के खोडलधाम मैदान में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले, वे गुजरात के बुनियादी ढ़ांचे और सेवा वितरण के आधुनिकीकरण के लिए कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इस दौरे के बाद 26 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी हंसलपुर जाएंगे; जहां वे भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम का शुभारम्भ करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी यूरोप और जापान जैसे 100 से अधिक देशों को निर्यात के लिए सुजुकी के पहले वैश्विक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) ‘ई विटारा’ को हरी झंडी दिखाएंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा, “मेक इन इंडिया की सफलता के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में, प्रधानमंत्री मोदी ‘ई विटारा’ का उद्घाटन और हरी झंडी दिखाएंगे।” हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तोशिबा, डेंसो और सुजुकी के साथ साझेदारी में टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के स्थानीय उत्पादन का उद्घाटन करेंगे। इसके तहत अब 80 प्रतिशत से अधिक बैटरियों का निर्माण भारत में होगा, जो भारत के बैटरी उद्योग के लिए एक बड़ा कदम है।

प्रधानमंत्री कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जैसे कि वीरमगाम-खुदाद-रामपुरा सड़क का चौड़ीकरण, नए वाहन अंडरपास और रेलवे ओवरब्रिज, जिससे यातायात की भीड़ कम होगी और औद्योगिक उत्पादकता बढ़ेगी। बिजली वितरण में सुधार के लिए, वह अहमदाबाद, मेहसाणा और गांधीनगर में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जो बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी और बिजली कटौती को कम करेंगी।
प्रशासनिक सुधारों के लिए, अहमदाबाद में एक नया स्टाम्प एवं पंजीकरण भवन और गांधीनगर में एक डेटा भंडारण केंद्र का शुभारंभ किया जाएगा, जो डिजिटल शासन और डेटा सुरक्षा को बढ़ाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, हरित ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम के रूप में, गुजरात में टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड का स्थानीय उत्पादन शुरू होगा। यह संयंत्र तोशिबा, डेंसो और सुजुकी का एक संयुक्त उद्यम है जो देश में 80 प्रतिशत से अधिक मूल्य की बैटरियों का निर्माण करेगा और स्वच्छ ऊर्जा नवाचार को बढ़ावा देगा।