लखनऊ। योगी सरकार के मंत्रिमंडल मंत्री और निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने दिल्ली में संपन्न राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने अपने विधायक बेटे सरवन निषाद को प्रदेश प्रभारी के पद से हटा दिया है और इसकी जगह बाबूराम निषाद को प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया गया है।
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इस कार्रवाई के साथ ही मंत्री ने अपने विरोधियों पर तीखा हमला भी बोला है। संजय निषाद ने उन नेताओं को आड़े हाथों लिया जो परिवारवाद के आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने सत्ता में रहते हुए अपने ही बेटे को पद से मुक्त कर दिया है। शायद ही किसी पार्टी ने इतना बड़ा फैसला किया हो। मेरे लिए समाज और संगठन सबसे ऊपर है, परिवार नहीं।
निर्बल इंडियान शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के संगठन में चल रहा बदलाव का क्रम जारी है। रविवार को संगठनात्मक बदलाव के तहत पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने अपने बेटे सरवन निषाद को प्रदेश प्रभारी के पद से हटा दिया है। पार्टी ने राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य मिठाई लाल निषाद को राष्ट्रीय सचिव और बिहार प्रदेश सह प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी है। वह इससे पहले पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष आइटी सेल के पद पर थे। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष जनकनन्दिनी निषाद, जो महिला मोर्चा और राज्य महिला आयोग की सदस्य हैं, उन्हें राष्ट्रीय सचिव और बिहार का सह प्रभारी बनाया गया है।

अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि जो लोग उन्हें परिवारवाद का आरोप लगाते थे, उन्हें यह देखना चाहिए कि निषाद पार्टी ने उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक कदम उठाया है। उनका परिवार हमेशा संघर्षों में जुझारू रहा है और समाज की सेवा के लिए समर्पित रहा है। राजा का बेटा ही राजा बना जाए—ऐसी नीति पर सवाल उठाने वालों के लिए यह निर्णय एक बड़ा संदेश है। अब यह आशा है कि अन्य दल भी इसी तरह का साहस दिखाकर समाज में सकारात्मक संदेश देंगे। माना जा रहा है कि पार्टी में खींचतान के चलते पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने संगठन में यह बड़ा बदलाव किया है।