नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका के साथ टैरिफ (Trump tariff) के कारण पैदा हुए खराब रिश्तों के बीच एक बड़ा कदम उठाते हुए आगामी 25 अगस्त से अमेरिकी के लिए डाक सेवाएं निलंबित कर दी हैं। आज भारतीय डाक विभाग (DOP) ने इस कदम को उठाते हुए यह घोषणा की है। बताया जा रहा है कि टैरिफ लगने के बाद डाक विभाग ने अमेरिकी कस्टम नियमों में बदलाव का हवाला दिया है।
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कार्यकारी आदेश के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय डाक नेटवर्क के माध्यम से खेप भेजने वाले परिवहन वाहक को डाक शुल्क लेना और उसका भुगतान करना अनिवार्य होगा। ट्रंप-टैरिफ के दौर में भारत ने अमेरिका के खिलाफ कदम उठाए हैं। डाक विभाग ने शनिवार को स्पष्ट किया है कि 25 अगस्त से अमेरिकी जाने वाली सभी प्रकार की डाक वस्तुओं की बुकिंग अस्थायी रूप से निलंबित कर दी जाएगी।
हालांकि इस निलंबन के कारण 100 डॉलर तक के मूल्य के पत्राचार, दस्तावेज़ और उपहारों पर छूट लागू है। संचार मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन छूट मिली श्रेणियों को CBP और USPS से आगे स्पष्टता मिलने के बाद भी अमेरिका में स्वीकारे जाने और प्रेषण जारी रहेगा। बयान में आगे कहा गया, “विभाग सभी हितधारकों के साथ समन्वय कर विकसित स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहा है और सेवाओं को जल्द से जल्द सामान्य बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।”

अमेरिकी प्रशासन के 30 जुलाई 2025 को जारी किए गए आदेश को ध्यान में रखते हुए भारतीय डाक विभाग ने कहा है कि 29 अगस्त 2025 से 800 डॉलर तक के सामानों के लिए शुल्क-रहित न्यूनतम छूट वापस ले ली जाएगी। आपको बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने 30 जुलाई को एक आदेश जारी कर 800 डॉलर तक के सामान पर लगने वाली ड्यूटी (सीमा शुल्क) की छूट खत्म कर दी है। पूर्व में कम कीमत वाले सामान भी बिना ड्यूटी के अमेरिका पहुँच जाते थे, पर अब ऐसा नहीं होगा। 29 अगस्त से अमेरिका भेजे जाने वाले सभी मूल्य के सामान पर कस्टम ड्यूटी लागू होगी। हालांकि दस्तावेज़ और 100 अमेरिकी डॉलर तक मूल्य वाले गिफ़्ट आइटम पर छूट लागू रहेगी।