PM-CM या मंत्री हवालात गए तो जाएगी कुर्सी, लोकसभा में बिल पेश; विपक्ष ने फाड़ी विधेयक की कॉपी

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session 2025) में तीन अहम विधेयक पेश किए। उनके द्वारा लोकसभा में पेश किए गए बिल में PM-CM और मंत्रियों को हटाने वाला प्रावधान; जिसके तहत अगर PM-CM या कोई भी मंत्री किसी गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार होता है या फिर 30 दिनों तक हिरासत में लिया जाता है, तो उसे पद से हटना होगा।

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अमित शाह ने जिन विधेयकों में लोकसभा में पेश किया है। उनमें मुख्य रूप से 130वां संविधान संशोधन बिल 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं। लोकसभा में इन तीनों विधेयकों को पेश करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने इन्हें संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश की। हालांकि संसद में विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया। इतना ही नहीं, विपक्षी दलों ने इस विधेयक पर गुस्सा जताया और इसकी प्रति फाड़कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंक दी।

संसद में पेश किए विधेयकों का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अमित शाह को जब गिरफ्तार किया गया था, तब उन्होंने अपनी नैतिकता दिखाई थी? इस पर अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि जब मुझे झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया था, तब मैंने इस्तीफा देकर अपनी नैतिकता दिखाई थी। जब तक मैं कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं हुआ तब तक मैंने किसी संवैधानिक पद की जिम्मेदारी नहीं संभाली थी।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में पेश किए गए विधेयक का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री या को भी मंत्री किसी भी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना होगा। हालांकि अमित अमित शाह द्वारा पेश किए गए इस विधेयक का विपक्ष द्वारा विरोध किया जा रहा है।

क्या है इस विधेयक में:

केंद्र ने इस विधेयक के बारे में कहा कि संविधान में गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए किसी मंत्री को पद से हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी भी मंत्री और राज्यों या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी भी मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढाँचा बनाने हेतु संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की आवश्यकता है।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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