कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार को बादल फटने (Kishtwar Cloudburst) से भारी तबाही मची है। दोपहर 12:30 बजे आई इस प्राकृतिक आपदा में करीब 12 लोगों के मारे जाने की आशंका है। हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक मृतकों की संख्या जारी नहीं की गई है। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के उपराज्यपाल ने बचाव एवं राहत अभियान में तेजी लाने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
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बताया जा रहा है कि यह दुर्घटना गुरुवार दोपहर 12:30 बजे के आस-पास किश्तवाड़ के चशोती इलाके में बादल फटने (Kishtwar Cloudburst) से अचानक बाढ़ आ गई है। यह घटना उस इलाके में हुई है जहां मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है। बादल फटने की सूचना मिलते ही प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया, लेकिन मौसम (weather) काफी खराब है और इस वजह से अभियान में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
बताया जा रहा है कि बादल फटने (Kishtwar Cloudburst) के बाद आई बाढ़ के कारण कई लोग दूरदराज के इलाकों में फंस गए हैं। लोग मचैल माता मंदिर के पास आयोजित एक धार्मिक यात्रा में शामिल थे। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता और स्थानीय विधायक सुनील शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गांव के इलाके में बड़े नुकसान की आशंका है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “अभी किसी के पास कोई आंकड़े नहीं हैं, लेकिन वहां भारी नुकसान हो सकता है। तीर्थयात्रा के लिए इस इलाके में छोटी-छोटी दुकानें बनाई गई थीं। गांव के लोग वहाँ मौजूद हैं।”

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने (Kishtwar Cloudburst) की घटना से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। नागरिक, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को बचाव और राहत अभियान में तेजी लाने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।”
बता दें उत्तराखंड के धराली में भीषण बाढ़ के बाद बड़े पैमाने पर तबाही मची है। कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। कई घर, होटल और मकान तबाह हो गए हैं और प्रशासन पिछले कई दिनों से लापता लोगों की तलाश में बचाव अभियान चला रहा है। उत्तराखंड के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है और कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं।