अब दो दिन नहीं; कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएगा चेक, RBI का नया सिस्टम लागू

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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नई दिल्ली। बैंकिंग व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक क्लियरिंग की प्रक्रिया (process of check clearing) को और तेज और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। आरबीआई ने ‘चेक ट्रंकेशन सिस्टम’ (CTS) को एक नए और अधिक दक्ष सिस्टम–कंटीन्यूअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट ऑन रियलाइजेशन (CCSR)–में परिवर्तित करने की घोषणा की है।

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इस नई प्रणाली के लागू होने के बाद अब बैंकों में चेक क्लियर (process of check clearing) होने में दो दिन के बजाय केवल कुछ घंटे ही लगेंगे। इस नई प्रणाली के तहत सिर्फ एक प्रेजेंटेशन सेशन होगा, जिसमें चेक को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक प्रस्तुत किया जा सकेगा। प्राप्त करने वाला बैंक चेक की स्कैन इमेज को क्लियरिंग हाउस को भेजेगा, जो उसे भुगतानकर्ता बैंक तक पहुंचाएगा। इसके बाद, सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक का कॉन्फर्मेशन सेशन होगा, जिसमें बैंक को उस चेक को स्वीकार या अस्वीकार करना होगा।

प्रत्येक चेक के लिए एक निर्धारित ‘आइटम एक्सपायरी टाइम’ तय किया जाएगा, जिसके अंदर ही बैंक को अपनी प्रतिक्रिया देनी होगी। पहले चरण में यह समय सीमा शाम 7 बजे तक होगी। दूसरे चरण में यह घटकर सिर्फ 3 घंटे रह जाएगी, यानी चेक को पेश किए जाने के तीन घंटे के भीतर क्लियर करना अनिवार्य होगा। नए सिस्टम के तहत CTS में पहले जैसी प्रेजेंटेशन एंट्री की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति दोनों आएगी। इससे ग्राहकों को त्वरित सेवा मिलेगी, जबकि बैंकों के लिए संचालन अधिक सरल और डिजिटल रूप से उन्नत होगा।

टेक्नोलॉजी (technology) के क्षेत्र में भी RBI ने बड़ा कदम उठाया है। रिजर्व बैंक ने वित्तीय क्षेत्र में AI (Artificial Intelligence) के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत की है जिसे FreeAI Framework कहा गया है। इसके लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में 7 मुख्य सिद्धांत और 6 रणनीतिक स्तंभों के तहत 26 सुझाव दिए हैं।

यह रूपरेखा न सिर्फ वित्तीय संस्थाओं को तकनीकी नवाचार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी, बल्कि इससे डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और ग्राहकों के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित होगी। इस बदलाव के साथ, भारतीय बैंकिंग सिस्टम और अधिक डिजिटल, तेज़, पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित बन रहा है। RBI का यह कदम देश को डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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