डेस्क। इस्लाम धर्म में दो अहम यात्राएं है- हज और उमराह। हर मुसलमान की इच्छा होती है कि लाइफ में वो एक बार हज (Hajj) करने जरूर जाए। बता दें पूरी दुनिया से लोग हज करने के लिए सऊदी अरब (Saudi Arabia) जाते हैं। मक्का-मदीना (Mecca-Medina) में लोग हज करके अपने दिल की मुराद पूरी करते हैं।
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि Islamic traditions के हज और उमराह (Umrah) दोनों में क्या अंतर होता है ? दरअसल हज (Hajj) को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है और जो मुसलमान शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हो इसे उसके लिए अनिवार्य माना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने में Hajj यात्रा की जाती है। यह यात्रा कई दिनों तक चलती है। कहा जाये तो यह एक सामूहिक तीर्थयात्रा है।

हज (Hajj) के दौरान तीर्थयात्री कई अनुष्ठान करते हैं जैसे तवाफ (काबा के चारों ओर सात चक्कर लगाना), सई (सफा और मारवाह पहाड़ियों के बीच सात बार दौड़ना) और अराफात में प्रार्थना। यह तीर्थयात्रा पैगंबर इब्राहिम और उनके परिवार की याद में की जाती है और इसे पापों से मुक्ति का एक रास्ता माना जाता है। हज यात्रा ज्यादा खर्चीली मानी जाती है।
दूसरी ओर मक्का की जियारत को उमराह कहते हैं। उमराह (Umrah) को हज का ही छोटा रूप भी कहा जाता है। उमराह का मतलब आबादी वाली जगह से है। उमराह में हज के कुछ मुख्य भागों जैसे तवाफ को ही शामिल किया जाता है। इसमें लोग काबा (Kaaba) के चारों तरफ तवाफ करते हैं और जिनका तवाफ (Tawaf) पूरा हो जाता है उनका उमराह मुकम्मल यानी की सफल माना जाता है। उमराह (Umrah) कम समय में पूरा किया जा सकता है और कम खर्चीला भी होता है।