‘3 इडियट्स’ के प्रोफेसर Achyuta Potdar का हुआ निधन, कभी सेना में थे कैप्टन

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान...
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मुंबई। आपने सोशल मीडिया पर एक मीम अक्सर देखा होगा, जिसमे ‘अरे भाई, कहना क्या चाहते हो!’ वाला डायलॉग था। इस डायलॉग से देशभर में मशहूर हुए अभिनेता अच्युत पोतदार (Achyuta Potdar) अब हमारे बीच नहीं रहे। 91 साल की उम्र में स्वास्थ्य कारणों के चलते उनका निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ठाणे स्थित जुपिटर अस्पताल में अंतिम सांस ली। अभिनेता के जाने से भारतीय फिल्म उद्योग को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, क्योंकि वह एक मंझे हुए कलाकार थे और कई फिल्मों और टीवी शोज़ में भूमिका निभाई थी।

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खबरों के मुताबिक, अच्युत पोतदार को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर 18 अगस्त को उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार 19 अगस्त मंगलवार को ठाणे में ही किया जाएगा। अभिनेता ने हिंदी के अलावा पिछले कुछ सालों में मराठी इंडस्ट्री में भी अपनी खास पहचान बनाई थी।

अच्युत पोतदार के निधन की खबर मिलते ही मनोरंजन जगत में शोक छा गया। तमाम प्रशंसक और अन्य कलाकार सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अभिनेता के वर्कफ़्रंट की बात करें तो उन्होंने ‘3 इडियट्स’ में प्रोफेसर की भूमिका निभायी थी। इसके अलावा ‘अर्ध सत्य’ और ‘ये दिल्लगी’ जैसी फ़िल्मों में भी उन्होंने काम किया है। वह ‘मिसेज़ तेंदुलकर’, ‘वागले की दुनिया’, ‘माझा होशिल ना’, ‘भारत की खोज’ जैसे तमाम टीवी शोज़ में भी दिखाई दिए हैं। उन्हें कई सम्मान भी मिले हैं।

हालाँकि अच्युत पोतदार शुरू से एक अभिनेता नहीं थे। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने भारतीय सेना में ज्वाइन की थी लेकिन उससे पहले वह मध्य प्रदेश के रीवा में प्रोफ़ेसर पद पर थे। शादी के एक साल से भी कम समय बाद, वह आपातकालीन विभाग के माध्यम से सेना में भर्ती हो गए। वह 1967 में कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हुए।

अच्युत पोतदार ने इंडियन ऑयल में एक कार्यकारी के रूप में 25 वर्षों तक काम किया है। वहां वो 1992 में 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हुए। इंडियन ऑयल में काम करते हुए, अभिनेता ने अभिनय के प्रति अपने जुनून को निखारने के लिए नाट्य परियोजनाओं, नाटकों और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया। फिर 1980 में उन्होंने फिल्म ‘आक्रोश’ से अपने करियर की शुरुआत की।

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श्वेता सिंह, मीडिया इंडस्ट्री में आठ साल का अनुभव रखती हैं। इन्होंने बतौर कंटेंट राइटर कई प्लेटफॉर्म्स पर अपना योगदान दिया है। श्वेता ने इस दौरान अलग-अलग विषयों पर लिखा। साथ ही पत्रकारिता के मूलभूत और जरूरी विषयों पर अपनी पकड़ बनाई। इन्हें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल से जुड़ाव है और इन्होंने इसे लेकर कई आर्टिकल्स लिखे हैं।
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